उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी को जिला घोषित कर दिया है और उसका नाम
अब छत्रपति शाहूजी महाराज नगर होगा। यह यूपी का 72 वां जिला घोषित कर दिया। मुख्यमंत्री मायावती की अध्यक्षता में हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में कानपुर देहात का नाम भी बदलकर रमा बाई नगर कर दिया गया है।
इससे पहले भी बीएसपी की सरकार ने 17 दिसंबर 2002 को अमेठी को जिले का दर्जा देते हुए छत्रपति शाहूजी महाराज नगर का नाम दिया था, लेकिन तब भी इसका काफी विरोध हुआ था। इसके बाद मुलायम के नेतृत्व में बनी सरकार ने 7 अक्टूबर 2003 को इसका नाम फिर से अमेठी कर दिया। बीएसपी सरकार ने जब पहली बार अमेठी का नाम बदला था तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी वहां की सांसद थीं और अब राहुल गांधी वहां से सांसद हैं।
इसके साथ ही कैबिनेट ने आरक्षण प्रक्रिया जातिगत जनसंख्या के आधार पर करने और उसी के अनुरूप पदों को आरक्षित किए जाने को भी अपनी सहमति दे दी है। दोनों सदनों का मॉनूसन सत्र 6 जुलाई से बुलाने का भी फैसला हुआ है।
दूसरी तरफ, अमेठी का नाम बदलने पर एसपी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की बीएसपी सरकार बेवजह जिलों के नाम बदलकर एक वर्ग विशेष के महापुरुषों के नाम पर रख रही है। एसपी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि मायावती सरकार का अमेठी का नाम बदलकर छत्रपति शाहूजी महाराज और कानपुर देहात का रमाबाई नगर रखना संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। कानपुर की पहचान इंटरनैशनल लेवल पर है और अमेठी की भी इसी नाम से पहचान है। इन दोनों के नाम बदले जाने का फैसला अनुचित है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार का जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। यह सरकार केवल पत्थर लगाने, वर्ग विशेष के महापुरुषों के नाम पर जिलों के नाम रखने, पार्क बनाने और मूतिर्यां लगवाने का ही काम कर रही है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम पर कोई पैसा खर्च नहीं हो रहा है, बल्कि जमकर पैसा बर्बाद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नोएडा में चौतरफा नीली पन्नियों से बुत ढके हुए खड़े है, जो रात में प्रेत से नजर आते हैं। यादव ने कहा कि हो सकता है कि यह सरकार जाते-जाते कई जिलों के नाम मायावती के नाम पर भी रख दे।