फर्रुखाबाद: पुलिस द्वारा खोजी कुत्ते की निशानदेही पर पकड़े गये रमन हत्याकाण्ड के आरोपी प्रदीप व किशनपाल पर तीन दिन तक पूछताछ करने के बाद भी घटना का खुलासा नहीं किया गया। एक मासूम बच्चे की दर्दनाक हत्या के मामले में दो गांवों के बीच बनी तनाव पूर्ण स्थित के चलते कानून व्यवस्था की स्थिति बनने लगी। स्थानीय नेताओं ने राजनीति की रोटियां सेकनी शुरू कर दीं। मीडिया व राजनीतिक दबाव को बढ़ता देख पुलिस ने मौके से गिरफ्तार दो अभियुक्तों प्रदीप व किशनपाल की जुबानी आधा अधूरा खुलासा कर दोनों को जेल भेज दिया। लेकिन हत्या का मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी हरनाथ सिंह ‘बाबा’ अभी भी पुलिस की पहुंच से कोसों दूर है। पुलिस मेजर एसडीसिंह की एक स्वीपर सहित दो महिलाओं से अभी भी पूछ ताछ की बात कर रही है। पुलिस अभी यह भी बताने की स्थिति में नहीं है कि मासूम रमन क्रूर तांत्रिक बाबा हरनाथ तक कैसे पहुंचा।
पांच वर्षीय रमन के अपहरण से लेकर हत्या तक, व उसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी तक, पुलिस की भूमिका एक निहायत गैर जिम्मेदार मूक दर्शक की रही है। शहर की सीमा से सटे ग्राम गढिया से सरे शाम एक बच्चे का अपहरण हो जाता है। अपहरण के चार दिन बाद तक पुलिस बच्चे का सुराग नहीं लगा सकी। बच्चे की हत्या कर दी गयी थी। हत्या के तीन दिन बाद हत्यारों ने बच्चे के शव को गांव के करीब ही नाले में फेंक दिया। स्थानीय ग्रामीणों ने लाश पड़ी देखी तो पुलिस को सूचना दी। लोमहर्षक हत्याकांड में ग्रामीणों के आक्रोष और मीडिया के सामने ही पीडित पिता द्वारा बार बार खोजी कुत्ते बुलाने की मांग के बाद पुलिस ने कानपुर से डाग स्कवायड बुलाया। कुछ किस्मत ही थी पुलिस की, कि खोजी कुत्ते लेमन ने पुलिस को आरोपियों के घर तक पहुंचा दिया। कुत्ते के पीछे पीछे भाग रहे ग्रामीणों ने मौके से ही अरोपी पिता-पुत्र को पकड़ लिया। पुलिस ने भीड़ द्वारा पकड़े गये आरोपियों को गिरफ्तार कर थाने पहुंचा दिया। तीन दिन तक पुलिस आरोपियों को थाने में बिठाये रही। घटना मुख्य आरोपी तांत्रिक अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर फरार है। आखिर तीसरे दिन पुलिस ने आरोपियों की जुबानी आधी अधूरी जानकारी के आधार पर खुलासे का नाटक रच कर आरोपियों को जेल भेज दिया।