रमन हत्याकाण्ड का खुलासा: घर में दबे खानदानी खजाने को पाने के चक्कर में दी मासूम की बलि

Uncategorized

फर्रुखाबाद:शहर की सीमा से सटे ग्राम गढ़िया से गायब पांच वर्षीय मासूम रमन कीलाश चार दिन पूर्व बघार नाले से ग्रामीणों की निशानदेही पर बरामद कर ली गयी थी। खोजी कुत्‍ते की निशानदेही पर पड़ोसी गांव सींगनपुर से पिता-पुत्र किशनपाल व प्रदीप को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया था। सोमवार को पुलिस कस्‍टडी में मौजूद दोनों आरोपियों ने जो कहानी सुनाई उसके अनुसार मासूम रमन की बलि घर में गड़े खानदानी खजाने की खोज के लिये दी गयी थी। विदित है कि किशनपाल के पूर्वज चांदी के सिक्‍के बनाने का काम करते थे। अनुमान है कि काफी मात्रा में चांदी के सिक्‍के घर में कहीं दबे हैं।

विदित है कि बीते 26 नवम्बर को गढ़िया निवासी रामप्रकाश के पांच वर्षीय पुत्र रमन पाल को घर के बाहर खेलते समय किसी ने अपहरण कर लिया था। जिसके बाद एक नवम्बर को रमन का क्षत-विक्षत शव बेवर रोड स्थित मेजर एसडी सिंह मेडिकल कालेज के पीछे बघार नाले में मिला था। जिसके बाद पुलिस ने खोजी कुत्ता लैमन की निशानदेही पर सींगनपुर के किशनपाल गौड़ व उसके पुत्र प्रदीप गौड़ को गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार को पुलिस ने दावा किय कि पूछताछ में आखिर दोनो पिता पुत्र टूट गये और उन्होंने रमन के हत्या का राज आखिर उगल दिया। मीडिया कर्मियों के सामने सुबूत के तौर पर पुलिस ने दोनों आरोपी भी पेश किये, जिन्‍होंने पुलिस की कहानी का समर्थन किया।

थाना मऊदरवाजा में मौजूद आरोपियों ने रमन की हत्या की जो कहानी सुनाई व सच में रोंगटे खड़े कर देने वाली थी। घटना की योजना कई दिन पहले बनायी गयी थी। अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर फरार चल रहे घटना का मुख्‍य आरोपी हरनाथ सिंह बाबा किशन पाल सिंह के साथ पिछले दो वर्ष से सम्पर्क में था। हरनाथ सिंह बाबा ने किशनपाल व उसके पुत्र प्रदीप से कहा कि उसकी तंत्र विद्या कहती है कि घर में पुराना खजाना (चांदी के सिक्के) दबे हैं। जिसको तलाशने के लिए तंत्र मंत्र करना पड़ेगा और उसके लिए बलि की आवश्यकता होगी। जिस पर बाबा ने ही बलि देने के लिए एक व्यक्ति की व्यवस्था स्वयं करने की बात कही।बताते चलें कि किशनपाल के पिता रामसिंह काफी वर्षों पहले चांदी के सिक्के बनाने का काम किया करते थे।

घटना क्रम कुछ इस प्रकार है……

26 नवम्बर -रात तकरीबन 11 बजे बाबा हरनाथ मासूम रमन को को  कम्बल उढ़ाकर भगवानदीन के ट्यूववेल पर पहुंच गया और वहीं उसने प्रदीप को बुलाकर कहा कि व्यवस्था हो गयी है वह पूजा की सामग्री का इंतजाम करे। इस बीच हरनाथ बच्चा लेकर कहीं चला गया।

28  नवम्बर -शरद पूर्णिमा होने की बजह से इस रात को शुभ माना गया। बाबा ने कहा कि इस रात बलि देने से गड़ा खजाना मिल जायेगा।  रात तकरीबन 12 बजे हरनाथ बाबा बच्चे को लेकर किशन पाल के मकान के पीछे से  पहुंच गया। जहां पूजा का इंतजाम पहले से ही किया गया था। पूजा कराने से पूर्व बाबा व आरोपी किशनपाल व उसके पुत्र प्रदीप ने रमन को पहले नहलाया और खुद तीनो ने स्नान किया। इसके बाद तंत्र मंत्र किया गया। रात तकरीबन दो बजे किशनपाल गौर के घर के अंदर बने कुंए के पास ले जाया गया जहां प्रदीप ने रमन के पैर पकड़े तो किशनपाल ने हाथ, और तांत्रिक किशनपाल बाबा ने उसका सिर अपने हाथ से दबा लिया और छुरी से गला काटकर बलि दे दी। रमन की मौत के बाद हरिनाथ बाबा ने उसी कुएं में बाल्टी द्वारा रमन के शव को पहुंचाया और कुएं के ऊपर लकड़ी के तख्ते रख दिये।

30 नवम्बर – हरनाथ बाबा ने फिर किशनपाल के घर पर पहुंचकर शव को ठिकाने लगाने के बारे में विचार विमर्श किया। इससे पहले दोनो ने घर के बाहर ईंटों का चूल्हा बनाकर मछली पकायी व दारू की दावत उड़ायी गयी। दावत में गांव का एक युवक और शामिल था। प्रदीप मीट नहीं खाता इसलिए वह इस दावत में शामिल नहीं था। दावत खत्म होने के बाद आरोपियों ने शव को पुनः कुंए से निकाला और मेजर एस डी कालेज के पीछे से ले जाकर बघार नाले में फेंक दिया।

1 नवम्बर – प्रातः 8 बजे गढ़िया के ग्रामीण ओमप्रकाश पुत्र अमर सिंह, राजेश पुत्र चन्द्रमोहन चौहान, वीरेन्द्र पुत्र नेकशे अपने खेत पर जा रहे थे तभी उनकी नजर बघार नाले पर पड़े एक बच्चे के शव पर गयी। जिसकी सूचना गांव में दी गयी। बच्चे के पिता प्रकाश ने उसकी पहचान रमन के रूप में की। पुलिस ने खोजी कुत्ता लैमन की निशानदेही पर आरोपी किशनपाल गौर व उसके पुत्र प्रदीप को हिरासत में ले लिया।

तारीख 3 नवम्बर – थानाध्यक्ष मऊदरवाजा हरपाल सिंह यादव ने फोर्स के साथ पहुंचकर मेजर एस डी सिंह मेडिकल कालेज की कुछ महिला कर्मचारियों को शक के आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। जहां पूछताछ जारी है। वहीं रमन के परिजनों ने देर शाम अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए गढ़िया रोड पर कैन्डिल मार्च निकाला व मृतक रमन को न्याय दिलाने की मांग की।

तारीख 4 नवम्बर – रमन के परिजनों ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ तहसील में पहुंचकर आरोपियों को जेल भेजने की गुहार लगायी व 24 घंटे में रमन के हत्यारों व पूरी घटना का खुलासा न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी। पुलिस ने दो बजे घटना का खुलासा कर दिया। जहां आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल किया।

इस सम्बंध में थानाध्यक्ष हरपाल सिंह यादव ने बताया कि पूरी घटना का मास्टर माइण्ड हरनाथ सिंह बाबा ही है। जिसको शीघ्र गिरफ्तार किया जायेगा। पुलिस को शक है कि वह अपनी रिश्तेदारी में एटा की तरफ  फरार हुआ है। पकड़ी गयीं महिलाओं से भी पूछताछ जारी है। दोनो आरोपी किशनपाल गौड़ व उसके पुत्र प्रदीप को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया।

जेएनआई ने पहले ही मासूम रमन की बलि दिये जाने की ओर इशारा किया था। ‘मासूम रमन की हत्या नहीं बलि की आशंका’