खोजी कुत्ता ‘’लैमन’’ के दीदार के लिए सात घंटे एक पैर पर खड़ी रही भीड़

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फर्रुखाबाद: रमन का शव बरामद होने के बाद मृतक के पिता रामप्रकाश के साथ आक्रोषित ग्रामीणों ने शव को उठाने से मना कर दिया और घटना स्थल पर डॉग स्क्वैड को बुलाने की मांग की। मामला बढ़ते देख पुलिस ने कानपुर डॉग स्क्वैड को सूचना भेजी। सूचना मिलने के बाद डॉग स्क्वैड के आने तक भीड़ खोजी कुत्ता लैमन के दीदार के लिए कई घंटे धूप में खड़ी रही। यहां तक कि कुछ लोग तो मौका देखकर भीड़ में नींद ही मार ली।

रामप्रकाश की बात मानने के बाद डॉग स्क्वैड को सूचना दी गयी। खोजी कुत्ते के घटना स्थल पर पहुंचने की सूचना पर भीड़ की संख्या धीरे धीरे बढ़ने लगी और देखते ही देखते घटना स्थल पर तमाम महिलायें, पुरुष व बच्चों की भीड़ लग गयी। जो रमन के शव को देखने आता वह लगे हाथ लेमन को देखने का सौभाग्य प्राप्त करना नहीं भूलता। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर राजनीतिक लोग हों या मीडिय, ग्रामीण हों या छात्र हर व्यक्ति खोजी कुत्ते के आने का अपने अपने तरीके से इंतजार में जुट गये हैं। जब भी कोई गाड़ी सड़क पर आकर रुकती भीड़ उधर दौड़ पड़ती। जैसे लगता कि कोई मंत्री आ गया हो। क्योंकि इस तरह की भीड़ मंत्रियों की गाड़ी की तरफ ही दौड़ती है। समय गुजरता गया और ग्रामीणों का धैर्य ज्यों का त्यों ही बना रहा। ताज्जुब की बात यह है कि जब खोजी कुत्ता लैमन ने जनपद में प्रवेश किया तो थानाध्यक्ष मऊदरवाजा हरपाल सिंह उसे रिसीव करने पहुंचे तो कुछ लोगों ने चुटकी लेते हुए कहा कि यहां एक मंत्री प्रोटोकाल न मिलने की शिकायत करते हैं तो वहीं कुत्ते को प्रोटोकाल दिया जा रहा है। खैर वह क्षड़ आ ही गया जब लैमन ने अपने कदम गढ़िया की जमीन पर रखे तो भीड़ के हुजूम ने उसे चारो तरफ से घेर लिया। आगे आगे लैमन चल रहा था और पीछे उसके प्रशिक्षक सुभाषचन्द्र और उनके साथ में चल रहा था पुलिस फोर्स। ग्रामीण तब तक लैमन के साथ रहे जब तक उसने आरोपियों को उनकी गंध से पकड़ नहीं लिया।

लैमन के प्रशिक्षक सुभाषचन्द्र ने बताया कि लैमन की उम्र तकरीबन छः वर्ष है। उसने अब तक कई केशों का खुलासा गंध के जरिये अपराधियों को पकड़कर किया है।