लड़कियों से छेड़खानी व रैगिंग से बचने के लिए ड्रेस कोड आवश्यक

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फर्रुखाबाद: दुर्गा नरायण महाविद्यालय में उच्च शिक्षा में ड्रेस कोड की अनिवार्यता विषय पर एक वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गयी। प्रतियोगिता का शुभारंभ प्राचार्य डा0 के एम सचदेवा ने सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। इस दौरान छात्रा छात्राओं ने कहा कि कालेजों में रैगिंग से बचने के लिए ड्रेस कोड आवश्यक है।

बीकाम प्रथम वर्ष की छात्रा दीपांशी रस्तोगी ने कहा कि आजकल महाविद्यालयों में जो रैगिंग या लड़कियों के साथ जो गलत व्यवहार होता है उससे बचने के लिए ड्रेस कोड की अनिवार्यता कर देना चाहिए। वहीं विपक्ष में बोलते हुए बीए प्रथम वर्ष की छात्रा अनुषा शाक्य ने कहा कि जब 14 साल के स्कूल जीवन में रहकर सामान्य विचार न ला सके तो 3 या 5 साल में ऐसा कैसे हो सकेगा। पक्ष में बोलते हुए दीक्षा राठौर ने कहा कि ड्रेस कोड से अनुशासन के साथ ही एक अलग पहचान छात्रों को मिलती है। वहीं विपक्ष में बोलते हुए छात्रा आशू अग्निहोत्री ने कहा कि ड्रेस कोड से नहीं पहचान छात्र के व्यक्तित्व से होती है।

इस दौरान डा0 साधना शुक्ला ने कविता के माध्यम से छात्र छात्राओं की विषय पर अभिव्यक्ति को प्रस्तुत किया। डा0 मुकेश सिंह राठौर, डा0 वी के तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। मुख्य अतिथि डा0 आर के गुप्त ने कहा कि छात्रों को आत्म चिंतन द्वारा अपने आपको मूल्यांकन करना चाहिए। प्राचार्य डा0 के एम सचदेवा ने अंत में परिणाम घोषित किया। प्रतियोगिता में दीपांशी रस्तोगी व दीक्षा राठौर को प्रथम, अनुशा शाक्य को द्वितीय व तूबा मिर्जा को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका डा0 वी के तिवारी, डा0 मुकेश सिंह राठौर, डा0 समरेन्द्र शुक्ला ने निभायी। इस दौरान डा0 विनीता वर्मा, डा0 श्यामसुन्दर सिंह, डा0 भारती विष्ट, प्रो जे वी सिंह, प्रो सरस पाठक सहित अन्य शिक्षक मौजूद रहे। संचालन डा0 साधना शुक्ला ने किया।