फर्रुखाबाद: आगामी लोक सभा चुनाव के लिये समाजवादी पार्टी अभी तक प्रत्याशी की खोज में जुटी है। जातीय गणित या सोशल इंजीनियरिंग के आंकड़ों के चलते सुना है कि पार्टी अब भाजपा नेता सुशील शाक्य के नाम पर गंभीरता से विचार कर रही है।
विदित है कि समाजवादी पार्टी प्रदेश की अधिकांश सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। जनपद आस पास की सीटों में से अधिकांश पर यादव प्रत्याशियों के नाम तय हो चुके हैं। पार्टी के पास जनपद में विकल्प काफी सीमित हैं। जातीय आंकड़ों के अनुसार सीट पर सर्वाधिक वोटर लोध बिरादरी के हैं। उसके बाद नंबर मुस्लिमों व यादवों का है। ठाकुर व शाक्य बिरादरी का नंबर उसके बाद आता है। लोधियों की स्वभाविक आस्था बाबू कल्याण सिंह के साथ होने के कारण उनमें सपा की कोई खास पैंठ नहीं है। आसपास की सीटों पर इतने यादव प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं कि अब कोई गुंजाइश नजर नहीं आती। पार्टी के पास कोई सलमान खुर्शीद के मुकाबले कोई कद्दावर मुस्लिम नेता भी नहीं है। ठाकुर के नाम पर पार्टी से जुड़े रहे पूर्व सांसद मुन्नू बाबू अपने पुत्र को टिकट न दिये जाने पर नाराज होकर पार्टी छोड़कर भाजपा में जा चुके हैं। दूसरी ओर बसपा ने भी यहां से ठाकुर प्रत्याशी घोषित कर रखा है। इस लिये सपा अब स्वाभाविक रूप से किसी शाक्य प्रत्याशी की तलाश में है।
विश्वस्त सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार गत दिनों मैनपुरी में विधायक अलोक शाक्य के पुत्र के शादी समारोह में शामिल होने आये सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल की मौजूदगी में ही फर्रुखाबाद से भाजपा के पूर्व विधायक रहे सुशील शाक्य को समाजवादी पार्टी की टिकेट पर चुनाव लड़ने के लिए राजी करने के लिए गंभीर चिंतन हुआ| खबर है कि मुलायम सिंह यादव ने अपने कुछ खास लोगो को इस काम के लिए लगाया है|
पार्टी के भीतर स्थित उच्चस्तरीय सूत्रों की मानें तो आगामी लोक सभा चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर भाजपा नेता सुशील के नाम पर गंभीरता से विचार चल रहा है। सुशील शाक्य के पिता यहां से जनसंघ से सांसद रह चुके हैं। सुशील शाक्य स्वयं भी कायमगंज से विधायक रह चुके हैं। सुशील शाक्य सपा में उनके नाम पर हो रहे विचार से अनभिज्ञता प्रकट कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी तक उनके सामने इस प्रकार का कोई प्रस्ताव नहीं आया है। फिलहाल तो उनका यही कहना है कि भाजपा छोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है।