नोएडा प्लाट आवंटन मामले में राजीव कुमार व नीरा यादव को 3 साल की सजा

Uncategorized

गाजियाबाद|नोएडा भूखंड आवंटन के दो मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए नीरा यादव व राजीव कुमार को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है इसके अलावा एक-एक लाख जुर्माना भी रखा है|

मालूम हो कि नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जाँच ब्यूरो ने 1971 बैच की आईएएस और यूपी की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव पर भूखंड आवंटित करने में अनियमितताएं बरतने के आरोप की जांच की थी और एक रिपार्ट दर्ज की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री से नीरा के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति ली गई थी। सीबीआई ने कोर्ट में दो अलग-अलग चार्जशीट भी दाखिल की थी, जिसमें एक चार्जशीट नोएडा प्राधिकरण की पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी नीरा यादव व मेरठ के मंडलायुक्त रहे राजीव कुमार को देकर उन्हें आरोपी बनाया गया था। दूसरे मामले में नीरा यादव पर अपनी पुत्रियों के लिए भूखंड आवंटित करने में अनियमितताएं बरतने का आरोप है।

पहली चार्जशीट में राजीव कुमार पर यह आरोप लगाया गया था नोएडा अथारिटी में डिप्टी सीईओ पद पर रहते हुए सीईओ नीरा यादव के सहयोग से सेक्टर-51 में 450 वर्ग मीटर का एक भूखंड आवंटित कराया था, जो बाद में सेक्टर-44 ए में परिवर्तित कर दिया गया। उसके बाद बेहद महंगे सेक्टर-14 ए में इसे परिवर्तित करा दिया गया और उसका साइज 300 वर्ग मीटर कर दिया गया। भूखंड के पास में 105 वर्ग मीटर खाली पड़ी हरित पट्टी को भी भूखंड में शामिल कर लिया गया।

दूसरी चार्जशीट में नीरा यादव पर उनकी दो पुत्रियों को नियमों की अनदेखी कर भूखंड आवंटित करने का आरोप का है। आरोप पत्र में कहा गया था कि नीरा ने अपनी पुत्री संस्कृति व सुरुचि के नाम पर दो दुकानों का आवंटन किया और उसके बाद उसी आधार पर सेक्टर-44 में आवासीय भूखंड आवंटित कर दिए। उनकी एक पुत्री संस्कृति विदेश में थी और दूसरी सुरुचि दिल्ली के किरोड़ी मल में शिक्षा ग्रहण कर रही थी। एक भूखंड नीरा यादव ने सेक्टर-14 ए में आवंटित करा लिया। 5 नवंबर को मामले की सुनवाई के बाद बहस पूरी हो गई थी और फैसले के लिए 20 नवंबर की तारीख तय थी।

नीरा यादव देश की पहली आईएएस अफसर हैं जिन्हें भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्य सचिव के पद से हटना पड़ा था। कुछ साल पहले तीन सबसे भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान के लिए आईएएस एसोसिएशन ने गुप्त मतदान करवाया था तब नीरा यादव दूसरे नंबर पर आईं थीं।