फर्रुखाब: दो सप्ताह पूर्व तक केजरीवाल जिंदाबाद के नारे लगाने वाले लक्ष्मण सिंह व उनकी सर्वोदयी टीम ने अपना इरादा बदल दिया लगात है। उन्होंने कहा कि वह केजरीवाल की राजनैतिक पार्टी में किसी कीमत पर शामिल नहीं होंगे। सर्वोदय मंडल उनकी पहली प्राथमिकता है। आगामी 26 नवंबर को केजरीवाल की दिल्ली में होने वाली बैठक में भी अभी किसी के जाने का विचार नहीं है।
विगत 1 नवंबर से पहले तक केजरीवाल जिंदाबाद के नारे बुलंद करने वाले लक्ष्मण सिंह व उनकी टीम ने कहीं न कहीं सर्वोदय मंडल न छोड़ने का निर्णय कर लिया है। विगत दिनों हुई बैठक में दिल्ली जाने की घोषणा करने वाले सर्वोदय मंडल के नेता लक्ष्मण सिंह का कहना है कि अभी तय नहीं है कि कौन दिल्ली जायेगा, या कौन नहीं। यदि गये भी तो भी हम उनकी राजनैतिक पार्टी में शामिल तो कदापि नहीं होंगे। आगामी दिनों में केजरीवाल की पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने के सवाल पर भी वह गोलमोल जवाब ही देते हैं। कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति अच्छे मुद्दे पर आंदोलन करता है तो उसका साथ देने का मतलब उस पार्टी में शामिल हो जाना तो नहीं होगा। कुल मिला कर वह अभी सर्वोदय मंडल की सदस्यता को तकनीकी रूप से बचाये रखते हुए केजरीवाल का समर्थन करते रहने की रणनीति पर अमल करते नजर आ रहे हैं।
विदित है कि विगत 1 नवंबर को आवास विकास में आयोजित केजरीवाल की सभा के दौरान उनको यथोचित तरजीह ने मिलने से लक्ष्मण सिंह के मन में पहले ही खिन्नता थी। उन्होंने दो दिन तक अज्ञातवास मे रहने के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस कर केजरीवाल के साथ अये संजय सिंह के व्यवहा के प्रति खुले तौर पर नाराजगी भी व्यक्त की थी। बाद में इंडिया अगेंस्ट करप्शन की कोर कमेटी ने बाकायदा लक्ष्मण सिंह के बयान को उनका निजी बयान बताते हुए पल्ला झाड़ लिया था। परंतु केजरीवाल के सहारे सलमान विरोधी मुहिम में काफी आगे निकल आने के बाद इस प्रकार के व्यवहार से लक्ष्मण सिंह कहीं न कहीं स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे थे। परंतु अब अन्ना की नयी टीम घोषित होने के बाद लगता है कि इन नेताओं ने इरादा बदल दिया है, या यूं कहें कि अन्ना की नयी टीम की घोषणा के बाद अन्ना व केजरीवाल के बीच दोनों तराजू के दोनों पलड़े तौलने जैसी स्थिति है। आईएसी में काम कर रहे सर्वोदय मंडल के अधिकांश नेता अन्ना के नयी टीम घोषित करने से काफी उत्साहित हैं। सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष गोपाल बाबू पुरवार ने बताया कि उनके अधिकांश साथी अन्ना के साथ हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग राजनीतिक दल गठित करने के विरोध में रहे हैं। उन्होंने बताया कि अतुल शर्मा, देवकी नंदन गंगवार आदि भी अन्ना के साथ रहेंगे।