फर्रुखाबाद: रोशनी का त्यौहार दीपावली मनाने का उत्साह शहर में देखने को मिला। दीपावली के एक दिन पूर्व नरक चतुर्दशी के दिन ही शहर रंगबिरंगी रोशनियों से नहा गया। हर तरफ लाल, पीली, नीली, चमकदार लाइटें दीपावली की शान में चार चांद लगा रही थीं।
झोपड़ी हो या मकान, दफ्तर हो या दुकान, हर शक्स अपने अपने तरीके से अपने भवन को रंगबिरंगी लाइटों से सजाने में जुटा रहा। पूरे दिन की मेहनत देर शाम रंग लाई जब सूरज धरती की गिरफ्त में चला गया और अंधेरे का साम्राज्य पूरे शहर पर छाया। अंधेरा होते ही रंगबिरंगी लाइटों ने अपनी छटा बिखेरनी शुरू कर दी। चाइनीज झालरों के नये नये माडलों ने पूरे शहर को रोशनी से नहला दिया। शहर का नजारा बाकई में देखने लायक था। ऊंची ऊंची इमारतें इस बात का प्रमाण दे रहीं थीं कि सजाने वाले व्यक्ति के अंदर दीपावली को लेकर कितना उत्साह रहा होगा।
रंगीन झालरों की विक्री किस तरह से हुई इस बात की पुष्टि तो शाम होते होते हो गयी। हर तरफ ऐसा लग रहा था मानो किसी दुल्हन को सजाया गया हो। दीवाली की पूर्व संध्या पर ही पूरा शहर दुल्हन की तरह सजा दिया गया।