फर्रुखाबाद: भारतीय जनता पार्टी से राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य प्रो0 रामबख्स वर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबू कल्याण सिंह को अब इस बात का अहसास हो गया है कि भाजपा से अलग रहने में उनकी कोई अहमियत नहीं रहती। यह आंकलन उन्होंने स्वयं कर लिया होगा। चुनाव लड़ने के सम्बंध में रामबख्स वर्मा ने बताया कि वह स्वयं पार्टी से टिकट नहीं मांगेंगे। पार्टी चाहेगी तो वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार बैठे हैं।
रेलवे रोड स्थित एक सभागार में आयोजित लोधी समाज के कार्यक्रम में बोलते हुए रामबख्स वर्मा ने कहा कि आज के समय में भारतीय जनता पार्टी को कल्याण की जरूरत है। वहीं कल्याण को भी अब भारतीय जनता पार्टी की जरूरत आन पड़ी है और उन्हें भाजपा में आना ही चाहिए। उन्होंने अपने और कल्याण सिंह के बीच चले आपसी मतभेद के बारे में कहा कि अब विवाद की कोई स्थिति नहीं बनती जिस तरह घर में लड़ाई होने के बाद मामला एक हो जाता है। उसी तरह राजनीति में भी विवाद होने के बाद आपस में सहानुभूति हो जाती है। आज कल्याण से मेरा कोई विवाद या मनमुटाव नहीं है।
उन्होंने कहा कि गलती हर इंसान से एक न एक दिन होती है। अगर मुझसे कोई गलती हुई तो बाबू कल्याण सिंह भी यह नहीं कह सकते कि उनसे आज तक कोई गलती नहीं हुई है। भारतीय जनता पार्टी से दूर रहकर इतने दिनों में कल्याण ने अपनी क्या अहमियत बनायी यह न तो उनसे छिपा है और न जनता से। उन्होंने कहा कि जब वह पहली बार विधायक के लिए चुनाव लड़े थे तो उनकी कल्याण सिंह ने काफी मदद की थी। फिलहाल अभी रामबख्स वर्मा कल्याण चालीसा पढ़ते नजर आये। जमीनी हकीकत पर जाये तो कुछ समय पूर्व जब कल्याण सिंह भारतीय जनता पार्टी में थे तो रामबख्स वर्मा को कोई मजबूत पद नहीं दिया गया। कल्याण सिंह के भाजपा से जाने के बाद ही रामबख्स वर्मा भाजपा संगठन के उच्च पदों पर आसीन हुए।