फर्रुखाबाद : जनपद में साधन सहकारी समितियों पर इस समय किसानों से लूट मची हुई है। साधन सहकारी समितियों पर पुराने स्टाक की डीएपी व एनपीके को नये बढ़े हुए रेटों पर किसानों को धड़ल्ले से दी जा रही है। विरोध करने वालों को समितियों पर खाद देने से मना कर दिया जाता है। जिससे किसानों को पुरानी खाद पर ही 300 रुपये प्रति बोरी अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।
सहकारी समितियों को मिलने वाली डीएपी व एनपीके की कीमतों में इसी वर्ष बढ़ोत्तरी हुई थी। जुलाई से पहले डीएपी के रेट 910.60 रुपये व एनपीके 823.70 रुपये प्रति बोरी थे। बढ़ोत्तरी के बाद नए रेट पर डीएपी 1205.61 रुपये व एनपीके 805 रुपये प्रति बोरी से बढ़कर 1118.74 रुपये प्रति बोरी हो गए हैं। जो किसान समितियों के सदस्य हैं, उन्हें डीएपी पुराने स्टाक से चेक बुक पर 910.60 रुपये प्रति बोरी जबकि नकद खरीदने वाले किसानों को डीएपी के 1205.60 व एनपीके के 1118.60 रुपये प्रति बोरी चुकाने पड़ रहे हैं। सहकारी समितियों पर 9450 मीट्रिक टन डीएपी व 2760 मीट्रिक टन एनपीके मौजूद है, लेकिन दोहरे रेट होने की वजह से मांग के बावजूद समितियों से खाद की बिक्री की मात्रा काफी कम है। खाद के रेट बढ़ने से आलू व अन्य खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा भी पिछले वर्ष के मुकाबले कम हो गया है। सहायक निबंधक सहकारी समितियां नारद यादव का कहना है कि पुराने स्टाक की डीएपी व एनपीके पुराने रेट पर व नए स्टाक की खाद नए रेट पर दी जा रही है।