कायमगंज: लालबाग स्थित जूही शाह बाबा के 54वें वार्षिक उर्स के मौके पर नातिया कलाम व कब्बाली का दौर चला। बदायूं से पधारे ठाकुर रवेन्द्र सिंह की कव्वाली ने तो जैसे समां बांध दिया।
हाफिज शाहिद रजा की तिलावते कलाम पाक से शनिवार की रात को कब्बाली कार्यक्रम का आगाज हुआ। शमसाबाद की बच्चा पार्टी ने शुरूआत करते हुए कहा कि नक्शा है मदीने का रोजा, मेरे बाबा का। वजीरगंज बदायूं से पधारे ठाकुर रवेन्द्र सिंह ने अपनी कव्वाली इस प्रकार पढ़ी- कि तेरी सूरत निगाहों में फिरती रही। इसके अलावा भी विशेष रूप से उन्हें सुनने आयी क्षेत्रीय भीड़ ने उनकी कव्वालियों को सुनकर पूरा लुत्फ उठाया। वहीं अमरोहा से आये डा. फहीम वारसी ने अपना कलाम पेश करते हुए कहा कि- दोस्तों दामनें मुस्तफा थाम लो। इसी के साथ एटा से पधारे ख्याति प्राप्त कब्बाल लड्डन ने अपनी पुरजोश आवाज में अपनी कब्बाली कुछ इस प्रकार पढ़ी- मुझे आपने बुलाया, ये करम नहीं तो और क्या है।
इस मौके पर सज्जादानसीन, सगीर अहमद, मुशीर अहमद, महबूब खां, अनवर खां, सत्तार खां, इकबाल अहमद, विजय कुमार, खुशहाल खां, वसीमउद्दीन फरीदी, सादिक भाई, विकार अहमद तथा बाहर से आये अवधेश यादव, अनिल यादव, जगजीवन लाल, हरीमोहन, मोहम्मद तारिक, जरमान आदि लोग मौजूद रहे।