रिश्वत न देने पर दो साल तक दाबे रहे शिक्षामित्र के मानदेय की सीएन

Uncategorized

फर्रुखाबाद: जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग में रिश्वत खोरी का मामला अब उनके ही विभाग द्वारा उजागर किया जाने लगा है। बेसिक शिक्षा विभाग में मनचाही तैनाती के लिए हजारों रुपये की रिश्वत देने की बात तो जगजाहिर है वहीं अब तो शिक्षामित्रों के मानदेय में भी रिश्वतखोरी की जाने लगी है। ऐसे ही रिश्वत के एक मामले का खुलासा उस समय हुआ जब एक शिक्षामित्र ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से लिखित शिकायत की।

बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिये गये पत्र में गलारपुर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षामित्र विपिन ने कहा है कि उसको रिश्वत न देने से वर्ष 2010 से अब तक मानदेय का भुगतान नहीं किया गया। वहीं विपिन ने कहा कि उसे लेखाधिकारी अजय कुमार ने सात हजार रुपये की 29 जुलाई 2010 की तारीख की सीएन 16 अक्टूबर 2012 को हाथ में दी। कहा इसे बैंक में जमा कर दो। इसके बाद शिक्षामित्र ग्रामीण बैंक पहुंचा तो वहां पर सीएन जमा करने से मना कर दिया। कहा कि 2010 की सीएन इस समय जमा करने का कोई औचित्य ही नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग में इस तरह का मामला कोई एक नहीं हैं। लेखाधिकारी  को मन माफिक रिश्वत न मिलने से कई मामले इसी तरह से लटका रखे हैं। जिससे शिक्षामित्रों के खाने के लाले पड़े हैं।

विपिन ने बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल को पत्र सौंपकर दोषी लेखाधिकारी के खिलाफ कार्यवाही कर पुनः सीएन जारी कर मानदेय दिलाये जाने की मांग की है।