फर्रुखाबाद: जिस पाप की कमाई से बाल्मीकि के परिजन रोटी खाते थे उसी पाप के भागीदार बनने से उन्होंने भी इनकार कर दिया था| फर्रुखाबाद में सलमान खुर्शीद दम्पति के ऊपर जब विकलांगो के हिस्से को गटक जाने का आरोप लगा तो कई कांग्रेसी प्रत्यक्ष रूप से कन्नी काटते दिखाई पड़े| बात गुड से दोस्ती और गुलगुले से परहेज जैसी है| अरविन्द केजरीवाल से 17 सवाल पूछने वाले पम्पलेट में जिन कांग्रेसियो के नाम खूब छपे उनमे से अधिकांश केजरीवाल का विरोध करते और सलमान का समर्थक करते नजर नहीं आये| यही नहीं खुर्शीद दम्पति के चुनावो में फ़ोकट की बिरयानी की दावत उड़ाने और हजार हजार के नोट बगालियाने वाले चेले चम्मच भी मुह छिपा रहे है| और तो और खुर्शीद दम्पति के रहमोकरम पर टिकेट पाकर विधानसभा चुनाव में दाव आजमाने वाले तीनो विधायक प्रत्याशी तो कोसो दूर रहे|
फर्रुखाबाद में अरविन्द केजरीवाल की सभा का विरोध करने के लिए दिल्ली से 20000 पम्पलेट छाप कर भेजे गए थे| सलमान खुर्शीद के मीडिया प्रतिनिधि फरीद चुगताई और शहर अध्यक्ष पुन्नी शुक्ल ने बाकायदा ये पम्पलेट प्रेस कांफ्रेंस कर जारी किये| इस पम्पलेट में 2 दर्जन स्थानीय कांग्रेसियो के नाम सवाल पूछने वालो में छपे थे| मगर इन में से कईयों ने कल केजरीवाल की सभा का विरोध करने से ही कन्नी काट ली| सूची में छपे नामो में से राकेश चौहान, रविश द्विवेदी, विमलेश पाण्डेय, बीना कुशवाहा, अवधेश दीक्षित, इस्लाम चौधरी, प्रमोद जैन और केंद्र सरकार के अधिकृत अधिवक्ता आदिल कामरान ‘डब्बू’ भी नजर नहीं आये| यही नहीं पिछले विधानसभा चुनावो में खुर्शीद दम्पति की अनुकम्पा पर टिकेट पाए कुलदीप गंगवार, रामसेवक सिंह यादव और शकुंतला गौतम तक साथ नजर नहीं आये| कुलमिलाकर जिलाध्यक्ष आफताब हुसैन, शहर अध्यक्ष पुन्नी शुक्ला, जीतू मिश्र, दिनेश अग्निहोत्री और कौशलेन्द्र यादव ही पूर्ण रूप से सक्रिय होकर अपने कुछ साथियो सहित सलमान का बचाव करते रहे| पिछले लोकसभा चुनाव में सलमान खुर्शीद के चुनाव में विरोध में रहे व्यापार मंडल के बोबी मिश्र भी सलमान के बचाव में सक्रिय दिखाई पड़े|
बात इतिहास के पन्नो में झाँकने की है| कहानी में पढ़ा था कि जब डाकू बाल्मीकि को इस बात का एहसास हुआ कि जिस डकैती के पाप की कमाई से वो अपने परिजनों का पेट भरते है उस पाप में भागीदार उनकी पत्नी और बच्चे भी नहीं बनना चाहते तो उन्होंने प्रश्यचित के लिए पाप के कर्म छोड़ भगवान राम की शरण ले ली थी| हालत कलयुग में भी वही है| सलमान दम्पति के दामन पर भ्रष्टाचार के संवेदनशील और गंभीर आरोप लगने भर से कई कांग्रेसी सार्वजानिक रूप से सलमान के साथ होने भर से कतरा रहे है| मामला छोटे और बड़े होने का है| रिटायर होने के बाद समाजसेवी कार्यों में जुटे 75 वर्षीय रमाशंकर कहते है कि बड़े आदमी की बड़ी इज्जत, छोटे मोटे आरोपों से कुछ नहीं बिगड़ेगी मगर यहाँ तो समाज में जबाब देना पड़ेगा| लोग अब सवाल करते है| घर के बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है|