फर्रुखाबाद: विश्वासपात्र ही विश्वासघात करता है, कोई गैर किसी के साथ विश्वासघात नहीं करता यह बहुत पुरानी कहावत है। क्योंकि विश्वास करने वाले को ही जिम्मेदारियां दी जाती हैं। तभी उसे गद्दारी करने का मौका मिलता है। लेकिन चोरों व डकैतों पर पहले से ही कोई विश्वास नहीं करता। इस बजह से वह किसी के साथ विश्वासघात नहीं करते। ऐसा ही कुछ हुआ बार एसोसिएशन के सचिव संजीव पारिया के साथ। भाजपा के काफी पुराने कार्यकर्ता रहे संजीव पारिया ने जब नगर निकाय का चुनाव अपनी पत्नी माला पारिया को लड़वाया तो संगठन की सच्चाई पर्त दर पर्त खुलकर सामने आ गयी। निकाय चुनाव में करारी हार का मुहं देख चुके श्री पारिया भाजपा के कार्यकर्ताओं को लेकर काफी निराश हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि भाजपा में गद्दारों की भरमार है, जिनकी वजह से उनकी पत्नी के नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव का यह परिणाम हुआ। संजीव पारिया चुनाव के बाद से पार्टी की बैठकों से नदारद चल रहे थे। जेएनआई द्वारा संजीव पारिया से विशेष बातचीत में उनका छिपा हुआ दर्द सामने आ गया।
बार एसोसिएशन की सक्रिय राजनीति करने वाले एडवोकेट संजीव पारिया को यह नहीं पता था कि उनकी खुद की पार्टी भाजपा चुनाव के दौरान इस तरह का धोखा करेगी। भाजपा कहें तो उसके जिला स्तरीय वरिष्ठ नेताओं ने पारिया के साथ गद्दारी कर दी। नगर निकाय चुनाव के ठीक तीन माह पूर्व विधानसभा के चुनाव हुए थे। जिसमें भाजपा के प्रत्याशी मेजर सुनीलदत्त द्विवेदी, वर्तमान विधायक विजय सिंह से कुछ ही वोटों से हारे थे। तीन माह बाद नगर निकाय के चुनाव में भाजपा से प्रत्याशी बनीं माला पारिया उन्हीं वोटों और उन्हीं कार्यकर्ताओं के बीच अपनी जमानत नहीं बचा सकीं। इस बात पर संजीव पारिया ने कहा कि जिले के नेताओं के पास अपना खुद का वोट नहीं है तो वह दूसरों को वोट क्या दिलवायेंगे। नगर निकाय चुनाव में माला पारिया की पोजीशन सिर्फ पार्टी के गद्दार नेताओं की बजह से हुई है। जो सामने कुछ और पीछे कुछ और कहते रहे। जिसका परिणाम सामने आ गया। चुनाव के बाद से भाजपा की किसी बैठक या कार्यक्रम में संजीव पारिया नहीं पहुंच रहे हैं।
यह बात पूछने पर संजीव पारिया ने कहा कि बैठक में पहुंचने से क्या फायदा। जब तक पार्टी आला कमान गद्दारों को पार्टी से बाहर नहीं करेगी तब तक भारतीय जनता पार्टी की स्थिति जनपद में इसी तरह बनी रहेगी। पारिवारिक राजनीति की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब तक भारतीय जनता पार्टी की राजनीति अन्य किसी व्यक्ति विशेष के हाथ में नहीं आती तब तक स्थिति में सुधार होना असंभव सा दिखायी देता है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की सिफारिश करते हुए कहा कि भाजपा में कल्याण सिंह ही ऐसे नेता थे जिनके पास उनकी विरादरी का वोट था।