फर्रुखाबाद: त्योहारों का सीजन है और खाद्य पदार्थो के मिलावट खोरी का धंधा भी जोरों पर है। मोटे मुनाफे की लालच में मिलावटखोर खाद्य पदार्थो में मिलावट कर जनजीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। परंतु जानते बूझते भी प्रशासन मौन है।
चिंता का विषय है कि जहां मिष्ठान विक्रेता मिठाइयों में विषैला अखाद्य रंग डालने से चूक नहीं रहे हैं वहीं दूधियों द्वारा रसायनिक पदार्थों से बने दूध को धड़ल्ले से बेंचा जा रहा है। गेहूं के आटे में भी बिक्रेता मिलावट खोरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। आटे में चावल के महीन कणों को गेहूं के साथ पीस देते हैं। सरसों के तेल में मिलावट खोर आगरा व अन्य शहरों से हानिकारक पाम आयल मिलाकर बेंच रहे है। वहीं बनस्पति घी की ज्यादातर पैकिंग में मिलावटी घी खुले बाजार में बिक रहे हैं। मसाले भी मिलावट खोरी से परे नहीं हैं। पिसे मसालों में तो मिलावट है ही वहीं, खडे मसालों में भी मिलावट खोर मिलावट कर ग्राहकों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। जीरे में सोया तथा काली मिर्च में पपीते के बीज, वहीं वेसन में मक्का का आटा मिला रहे हैं। पिसी मिर्च में ईंट का लाल पाउडर तथा पिसे धनिये में जानवरों की लीद तक मिलाने से नहीं चूक रहे हैं।