मौजा ही मौजा: अस्‍पताल से डाक्‍टर और स्‍कूल से मास्‍टर नदारद

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कायमगंज: उपजिलाधिकारी राकेश कुमार पटेल को अस्पताल में कई डाक्टर अनुपस्थित मिले और जगह जगह गन्दगी व कूड़े कचरे का अम्बार लगा मिला। स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी के कमरे में ताला पड़ा मिला।  इस पर अनुपस्थित कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई एवं एक दिन के वेतन की कटौती किये जाने की संस्तुति की। नगर पालिका, खण्ड विकास कार्यालय, विद्युत उपखण्ड कार्यालय, एवं खण्ड शिक्षाधिकारी कार्यालयों का भी औचक निरीक्षण किया

 गुरूवार को उपजिलाधिकारी राकेश कुमार पटेल नगर के सरकारी अस्पताल में औचक निरीक्षण के लिए सुबह सवा दस बजे पहुंचे। जहां निरीक्षण के समय कोई भी डाक्टर मौके पर नहीं मिला। उपस्थित पंजिका का निरीक्षण करने पर रामनरेश, नीरेश चन्द्र, डा0 अमित कुमार, डा0 महेन्द्र कुमार व डा0 नवीन चन्द्र अनुपस्थित पाये गये। वहीं इमरजेन्सी कक्ष के निरीक्षण में ऐसा लगता था कि जैसे कई दिनों से सफाई नहीं की गयी थी। इमरजेन्सी कक्ष में कोई भी कर्मी मौजूद नहीं था। इसके बाद वह स्वास्थय शिक्षाधिकारी के कक्ष के सामने पहुंचे जहां दरवाजे पर ताला पड़ा पाया गया। पूंछने पर जानकारी मिली कि गिरजेश कुमार सैनी अभी तक आये नहीं हैं। महिला अस्पताल में डा0 कल्पना भारती ड्यूटी पर उपस्थित नहीं मिली। दवाई वितरण काउण्टर पर अधिकतर दवाइयों पर एक्सपाईरी तिथि अंकित नहीं है। उपजिलाधिकारी ने अनुपस्थित अस्पताल कर्मियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई एवं एक दिन के वेतन की कटौती की संस्तुति की।

इसके बाद वह नगर पालिका परिषद कार्यालय 10-35 बजे पहुंचे। जहां उपस्थित पंजीका का निरीक्षण करने पर नीरज गुप्ता, रामपाल 17 अक्टूबर व 18 अक्टूबर से अनुपस्थित व रामकेश व अजयपाल 1अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक अनुपस्थित तथा फकीरेलाल 18 अक्टूबर को अनुपस्थित पाये गये। वहीं किशनपाल सिंह को अवकाश पर बताया गया। इन अनुपस्थित कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई एवं उनके एक दिन के वेतन कटौती की संस्तुति की। वह 10-50 पर खण्ड विकास कार्यालय पहुंचे। जहां खण्ड विकास अधिकारी देवव्रत मिश्रा निरीक्षण के समय 18 अक्टूबर व रिजवान अहमद जेई आरईएस अनुपस्थित पाये गये। उपस्थित पंजीका में इनके तारीख 11 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक हस्ताक्षर नहीं पाये गये। उपजिलाधिकारी ने अनुपस्थित कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई एवं एक दिन के वेतन की कटौती करने की संस्तुति की।

उपजिलाधिकारी इसके बाद बाल विकास परियोजना कार्यालय पहुंचे जहां उन्हें रन्नो देवी उपस्थित मिली। बाल विकास परियोजना अधिकारी कायमगंज व लिपिक सुभाष चन्द्र अनुपस्थित पाये गये। उपजिलाधिकारी ने अनुपस्थित कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई एवं एक दिन के वेतन की कटौती करने की संस्तुति की। यहां से उपजिलाधिकारी सीधे विद्युत उपखण्ड कार्यालय रूटौल पहुंचे। जहां निरीक्षण के समय लिपिक सतीश बाबू व सुनील कुमार जेई अनुपस्थित मिले। कार्यालय में जनशिकायत रजिस्टर मांगने पर उपलब्ध नहीं कराया गया।

यहां से उपजिलाधिकारी प्राथमिक विद्यालय रूटौल पहुंचे। जहां निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यपिका रीतेश शर्मा व शिक्षा मित्र ममता यादव, व श्रीमती अनुपम यादव अनुपस्थित पायी गयी। इस विद्यालय में 103 छात्र पंजीकृत है। लेकिन मौके पर केवल 43 छात्र उपस्थित पाये गये। विद्यालय द्वारा ड्रेस वितरण भी नहीं हुआ, केवल किताबें वितरित हुयी हैं। मीनू के अनुसार मिड्डे मिल में दलिया बनना चाहिए था। जो निरीक्षण के समय तक नहीं बना था। विद्यालय में आंगनबाडी केन्द्र खुला था। जिसमें बच्चों के खिलाने हेतु चावल बनाया जा रहा था। मुख्य मार्ग व स्कूल के मध्य सड़क के किनारे नाले पर से आने जाने की व्यवस्था सही नहीं है। विद्यालय में गंदगी व्याप्त है और शौचालय भी बन्द पडे है। पौने बारह बजे खण्ड शिक्षाधिकारी अनुपस्थित मिले। कार्यालय में बताया गया कि बेसिक शिक्षाधिकारी के अनुपालन वे क्षेत्र में निरीक्षण हेतु गये है। उपस्थित पंजीका के दौरान चन्द्रकान्त दुबे 18 अक्टूबर , बांकेलाल 17 अक्टूबर व 18 अक्टूबर, मोह0 अतहर खां 18 अक्टूबर व विनोद कुमार 18 अक्टूबर एबीआरसी अनुपस्थित पाये गये। अनुपस्थित कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई एवं अनुपस्थित के दिनांक के वेतन कटौती करने की संस्तुति उपजिलाधिकारी ने की। इसी के साथ वह प्राथमिक विद्यालय गांव चिलौली पहुंचे। जहां निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापिका मुन्नी यादव उपस्थित मिली वहीं नीरज यादव व निषी दुबे अनुपस्थित पायी गयी। नीरज रावत का सम्बद्धीकरण बीआरसी में बताया गया। लेकिन वह बीआरसी में नहीं मिले। इनके विरूद्ध कार्रवाई किये जाने एवं अनुपस्थित के दिनांक का वेतन कटौती करने की संस्तुति की गयी। राजीव पाठक व रागिनी को बीएलओं ड्यूटी में होना बताया गया। इस विद्यालय में 211 बच्चे पंजीकृत है। जिसके सापेक्ष में 100 बच्चे उपस्थित पाये गये। नीरज रावत को खण्ड शिक्षाधिकारी द्वारा 6 सितम्बर से बीआरसी से सम्बद्ध किया गया है। जो कि नियमानुसार सही नहीं है।