फर्रुखाबाद की रामलीला के मंच पर न केवल पेशेवर नर्तकियों के ठुमके लगवाए जारहे हैं बल्कि नाच पर मिलने वाले इनाम को आमदनी बढाने के उपयोग में लाया जा रहा है। नवयुवकों के दिलों को छू जाने वाले फ़िल्मी गीतों मुन्नी बदनाम हुई और कहो न प्यार है जैसे फ़िल्मी गीतों के टुकड़ों पर नर्तकियों के फूहड़ और अश्लील नृत्य व अदाएं लोगों को जेब से नोट निकालने को मजबूर करतीं हैं।
राम बरात में शामिल बरातियों के विशेष मनोरंजन के लिये विगत रात्रि लिंजीगंज में नोटंकी का आयोजन किया गया। फर्रुखाबाद के बीवीगंज इलाके में मधु राम लीला मंडल राम लीला का आयोजन करता है। यहाँ राम लीला कम नाच लीला अधिक हो रही है। आयोजको ने इसके लिए नाच गाने का पूरा इंतजाम किया है। इसके पीछे है ठुमकों पर मिलने वाली ईनाम की रकम। मंच सजता है और दर्शक मूड बनाते हैं तो कुछ देर के लिए शायद लोग भूल भी जाते हैं कि यहाँ रामलीला होती है और रामलीला का मंच नौटंकी के वातावरण में तब्दील हो जाता है। दिल खुश करने के लिए भड़काऊ फ़िल्मी गीत होते हैं और फिर उन पर ठुमके लगते हैं । इस दौरान श्रद्धा भाव से राम लीला देखने आने वाली महिलाएं भी मौजूद होतीं है, और यहाँ आकर उन्हें देखने को मिलती है नौटंकी। अगर डांस से आमदनी ठीक हो रही है तो राम लीला को ‘शार्ट’ भी कर दिया जाता है। लीला मर्यादा पुरषोत्तम की और मर्यादाएं तार-तार होतीं हैं। यह सब कुछ घंटों चलता है, और पुलिस की मौजूदगी में चलता है। पुलिस कर्मी भी नोटंकी का जम कर रसास्वादन करते हैं। यह सब कुछ होता है सिर्फ पैसे की खातिर। रामलीला मंडल के पदाधिकारी कहते हैं कि दूर- दूर से आने वाले लोगों के मनोरंजन के लिए यह भी जरूरी है।
मधु राम लीला मंडल के अध्यक्ष मन मोहन मिश्रा बताते हैं कि राम लीला देखने सभी आते हैं। दर्शकों को नीरसता से बचाने के लिए डांस भी करा दिया जाता है।