टीम अरविंद केजरीवाल और भाजपा के बीच अब नई सियासी जंग शुरू हो गई है। केजरीवाल ने गडकरी पर किसानों की सौ एकड़ जमीन व पानी हड़पने से लेकर कांग्रेस व एनसीपी से साठगांठ का आरोप जड़कर भ्रष्टाचार के मामले में भाजपा को भी कांग्रेस के साथ खड़ा करने की कोशिश की। दूसरी ओर गडकरी ने केजरीवाल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये ‘चिल्लर आरोप’ हैं और वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।
गडकरी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के खिलाफ देशभर में बने माहौल के चलते राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे केजरीवाल विपक्ष की जगह लेने के लिए उन्हें बदनाम करना चाहते हैं। इधर, भाजपा ने साफ कर दिया कि वह पूरी तरह से गडकरी के साथ है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने गडकरी के समर्थन में मैदान में उतर कर एक सुर में कहा कि केजरीवाल के इस कथित खुलासे से उनका ही नुकसान हुआ है। बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
इससे पहले खुद गडकरी ने केजरीवाल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह जमीन 1984 में बांध के लिए अधिग्रहित की गई थी। 1996-97 में बांध बन गया। वहां खाली पड़ी जमीन को इसके 22 साल बाद प्रदेश सरकार ने गडकरी की ‘पूर्ति समृद्धि संचन’ संस्था को 11 साल की लीज पर दिया। यहां गन्ने की नर्सरी में पौध तैयार कर किसानों को बाजार से कम कीमत पर मुहैया कराई जाती है, ताकि विदर्भ में भी गन्ना पैदा हो सके। पानी हड़पने के आरोप पर उन्होंने कहा कि बांध का मात्र 0.85 फीसदी पानी ही उनके कारखाने को मिलता है।
ये मामले महाराष्ट्र में पहले से भी उछलते रहे हैं। इसके बाद गडकरी और फिर सुषमा व जेटली के मैदान में उतर जाने से भाजपा ने केजरीवाल के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया।
उधर अरविंद केजरीवाल के आरोपों को लेकर कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष नीतिन गडकरी को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मैं पहले से गडकरी को एक राजनेता से ज्यादा कारोबारी कहता रहा हूं। वह हर काम कारोबार को चमकाने के मकसद से करते हैं, इसलिए केजरीवाल ने कुछ नया नहीं कहा है। यह सब लोग जानते है कि गडकरी अपने ओहदे का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस सांसद संजय निरूपम ने गडकरी का इस्तीफा तक मांग लिया है।
केजरीवाल के आरोप पर दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार से भी सफाई मांगी है। पवार केसिंचाई मंत्री के कार्यकाल के दौरान यह मामला बताया जा रहा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अजित पवार को जनता को सच बताना चाहिए। वहीं कांग्रेस सांसद संजय निरूपम ने कहा कि भाजपा हर आरोप के बाद किसी न किसी मंत्री का इस्तीफा मांग लेती है। वह उसी परंपरा को निभाते हुए गडकरी का इस्तीफा मांग रहे हैं