250 से अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में ड्रेस के लिए टेण्डर की शर्त

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फर्रुखाबाद: प्रदेश स्तर पर सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत बांटी जा रहीं ड्रेस के वितरण के लिए जो दिशा निर्देश शासन स्तर से दिये गये हैं उनको धता बताकर अधिकारी योजना को मजाक बनाये हुए हैं। जहां शासन ने 27 सितम्बर को ही आदेश जारी कर दिये थे कि 2 अक्टूबर तक ड्रेसों का वितरण कराया जाये। इतना ही नहीं 250 से अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों को टेण्डर की भी शर्त निर्धारित की गयी थी। लेकिन अधिकारियों ने शायद अब तक इस शासनादेश पर अमल करना उचित नहीं समझा

आदेश में कहा गया था कि यूनीफार्म क्रय हेतु नियमानुसार विद्यालय विकास एवं प्रबंध समिति द्वारा किया जायेगा। यह धनराशि एक लाख होने तक कोटेशन की प्रक्रिया अमल में लायी जायेगी वहीं उससे अधिक धनराशि पर टेण्डर की कार्यवाही की जायेगी। आपूर्तिकर्ता द्वारा कपड़े का सैम्पल तथा दरें मांगी जायेगी जो विद्यालय में सुरक्षित रखी जायेंगीं।

प्रत्येक छात्र को प्रति यूनीफार्म 200 रुपये की दर से दो सेट के लिए 400 की धनराशि अनुमन्य है। कक्षा एक से पांच तक के छात्रों की आयु कम होने के कारण इन बच्चों की यूनीफार्म में सम्भावित बचत होने से बालकों की टाई एवं बालिकाओं को दुपट्टा दिया जाये।

आदेश में यह भी कहा गया था कि यदि यूनीफार्म की गुणवत्ता, मानक तथा व्यय वित्तीय नियमों के अन्तर्गत नहीं पाया जायेगा तो सम्बंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे। इसके बावजूद भी जनपद के किसी भी स्कूल में ड्रेस वितरण के लिए टेण्डर इत्यादि की कार्यवाही नहीं की गयी। जबकि जनपद में लगभग 10 प्रतिशत विद्यालयों में 250 से अधिक छात्र संख्या है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी भी अपनी आंखें बंद किये हुए यह सब देख रहे हैं। ड्रेस व बैग वितरण में पिछले सत्रों की भांति करने में अधिकारी व प्रधानाध्यापक जुटे हुए हैं। जनपद में 27 सितम्बर को दिये गये आदेश को आज 18 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कारगर उपाय नहीं किया गया। प्रधानाध्यापक व जिम्मेदार अधिकारी शासन के आदेश को धता बताकर अपनी मनमानी करने पर तुले हुए हैं।