फर्रुखाबाद: जाकिर हुसैन ट्रस्ट के विरुद्ध जांच के मामले में गुरुवार को आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने विकास भवन स्थित विकलांग कल्याण कार्यालय पर छापा मारकर फायलें खंगालीं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन विकलांग कल्याण अधिकारी राम अनुराग वर्मा की वह रिपोर्ट छापे के दौरान टीम के हत्थे चढ़ गयी है, जिसमें जाकिर हुसैन ट्रस्ट की ओर से दाखिल लाभार्थियों की सूची पर सीएमओ व तहसीलदार कायमगंज के फर्जी हस्ताक्षर होने की पुष्टि की गयी है।
विदित है कि केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के जाकिर हुसैन ट्रस्ट के विरुद्ध घोटाले के आरोपों में आर्थिक अपराधा शाखा (ईओडव्लू) ने जांच शुरू कर दी है। जांच के क्रम में गुरुवार को ईओडव्लू की टीम ने विकास भवन पर छापा मारा। छापे के दौरान उन्होंने विकलांग कल्याण कार्यालय की फाइलें खंगाली। इस दौरान प्रभारी जिला विकलांग कल्याण अधिकारी/समाज कल्याण अधिकारी आरबी मिश्रा मौजूद रहे।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ईओडव्लू की टीम को तत्कालीन जिला विकलांग कल्याण अधिकारी राम अनुराग वर्मा की वह रिपोर्ट मिल गयी है, जिसमें श्री वर्मा ने डा. जाकिर हुसैन ट्रस्ट की ओर से उपकरण वितरण के लाभार्थियों की सूची पर तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके पोरवाल व तत्कालीन उपजिलाधिकारी कायमगंज मोहन सिंह के हस्ताक्षर फर्जी होने की पुष्टि की गयी थी।
इस संबंध में वर्तमान में आजमगढ़ में तैनात रामअनुराग वर्मा ने अपनी रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए बताया कि जांच के समय डा. पोरवाल का स्थानांतरण हो चुका था, इसलिये उनके हस्ताक्षरों के विषय में तत्कालीन सीएमओ कमलेश कुमार से व तहसीलदार मोहन सिंह से स्वयं व्यक्तिगत रूप से हस्ताक्षर फर्जी होने की पुष्टि करायी गयी थी।