फर्रुखाबाद: जनपद पुलिस की ढिलमुल कार्यप्रणाली और अपराधियों से हट चुके अंकुश की एक बानगी फिर उस समय नजर आयी जब जिला जेल गेट पर गैंगेस्टर तामील कराने पहुंची पुलिस को अपराधी गच्चा देकर फरार हो गया। साथ में मौजूद सीओ सिटी ही पुलिस की नाकामी पर बोल पड़े, ‘‘लो यह है अपने जनपद की पुलिस’’!
विदित है कि विगत 14 अगस्त 2012 भूमि विवाद में ताबड़तोड़ गोलियां चलाने के मामले में धारा 307 में जिला कारागार में बंद सचिन पुत्र रामनिवास, कुलदीप पुत्र रामनिवास, गोले पुत्र भूगोल, संजय पुत्र शिवरतन, सोनू पुत्र विनोद, चंदन, राजू की जमानत अर्जी बीते दिन लगायी गयी थी। जिसके तहत सचिन, कुलदीप व गोले की जमानत के लिए बीती शाम को जिला जेल में परवाना भेज दिया गया। शुक्रवार की सुबह जिला जेल से सचिन, कुलदीप व गोले को छोड़ा गया। इधर पुलिस ने सातों आरोपियों पर गैंगेस्टर की तैयारी कर ली थी। अपराधियों पर गैंगेस्टर की कार्यवाही के लिए गैंगेस्टर तामील कराने पहुंची पुलिस से वहां पर मौजूद आरोपियों के वकील और परिजनों का पुलिस से विवाद होने लगा। वकील ने कहा कि आप दोबारा नहीं बंद कर सकते। इस पर सीओ सिटी विनोद कुमार भी मौके पर पहुंचे। सीओ ने परिजनों व वकील को समझाया कि गैंगेस्टर की कार्यवाही के बाद तामील करवाना जरूरी नहीं है। समझाने के बाद लोग मान गये।
पुलिस ने तीनो अभियुक्तों को अपनी हिरासत में ले लिया। पुलिस ने सचिन और कुलदीप को तो ऐसे ही पकड़ लिया। लेकिन गोले देखते ही देखते वहां से ओझल हो गया। जनपद की तमाम पुलिस बल ताकता रह गया। सीओ सिटी ने पूछा तीसरा अपराधी कहां है, जिस पर पुलिसकर्मी बगलें झांकने लगे बोले सर वह तो है ही नही। सीओ अनायास ही बोल पड़े ‘‘लो यह है हमारे जिले की पुलिस’’।