आवेदक को चक्कर ही काटना तो आनलाइन प्रमाणपत्र बनवाने का मतलब ही क्या

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फर्रुखाबाद: लोकवाणी जनसेवा केन्द्र के संचालकों ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंपते हुए शिकायत की कि तहसील में पिछले 11 सितम्बर से कोई भी प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया। यह कृत्य तहसील में जानबूझ कर किया जा रहा है।

लोकवाणी जनसेवा केन्द्र संचालकों ने नगर मजिस्ट्रेट मनोज कुमार से भेंट कर कहा कि तहसील द्वारा जारी होने वाले प्रमाणपत्र 40-40 दिन का समय होने के बाद भी जारी नहीं हो रहे। जिसके कारण आवेदकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह कृत्य तहसीलदार व लेखपालों की सोची समझी रणनीति के तहत किये जा रहे हैं।

लोकवाणी संचालकों ने कहा कि 11 सितम्बर को तहसीलदार सदर द्वारा एक बैठक लोकवाणी संचालकों की बुलायी गयी थी और उसमें कहा गया कि हर केन्द्र संचालक आवेदनों के कम्प्यूटर प्रिंट निकालकर नियमिति रूप से तहसील में जमा करे तभी प्रमाणपत्रों की जांच हो पायेगी। लोकवाणी संचालकों ने नगर मजिस्ट्रेट से कहा कि आन लाइन प्रक्रिया में सारा कार्य ईफार्म द्वारा ही होना है। वरना पेपरलेस कार्यपद्धति का मतलब ही क्या रह जायेगा। संचालकों ने कहा कि तहसीलदार के द्वारा नये आदेश के बाद पूरी प्रणाली में लीकेज शुरू हो गया। कुछ लोकवाणी केन्द्रों ने प्रिंट निकाल सीधे आवेदक को ही लेखपाल को रिपोर्ट लगाने के लिए दे दिया और लेखपाल के पास आवेदक रिपोर्ट घूस देकर मनमाफिक लगवा लाया। संचालकों ने कहा कि अगर आवेदक को चक्कर ही कटवाना है तो आन लाइन का मतलब ही क्या रह गया। उन्होंने यह भी शिकायत की कि 10 रुपये के शुल्क में आवेदन भरने से लेकर प्रिंट निकालना और उसे नियमित तहसील पहुंचाना कैसे संभव है और वह भी तब जब कुल मिलाकर योजना का आवेदन आवक मात्र 400 से 500 ही रह गया हो। उसमें से सभी 200 लोकवाणी केन्द्रों पर कुल मिलाकर 100 से 125 ही आवेदन पहुंच रहे हैं।

सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने लोकवाणी केन्द्र संचालकों की समस्या को शीघ्र निस्तारित कराने और मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया।

इस दौरान पंकज दीक्षित, सुरजीत वर्मा, उमेश शाक्य, सुशील कुमार, दीपक सिंह, मनीश, फिरोज खान, जिबरान खान, हिमांशू गुप्ता, फिरोज खान उर्फ एंथोनी आदि लोकवाणी संचालक मौजूद रहे।