एमडीएम का घपला छिपाने को प्रधानाध्यापक ने दिखादी रजिस्टर की लूट?

Uncategorized

फर्रुखाबाद: जहां एक तरफ पुलिस विभाग अपराध रोकने में नाकाम सा दिखायी दे रहा है वहीं भ्रष्टाचार के क्षेत्र में सभी को पीछे छोड़ता हुआ शिक्षा विभाग भी नई नई जुगत घोटाले के लिए अपना रहा है। जिसके चलते शनिवार सुबह 10 बजे थाना कमालगंज क्षेत्र के ग्राम सदरियापुर के प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक से नगदी सहित एमडीएम रजिस्टर बाइक सवार लुटेरे लूटकर फरार हो गये। वहीं पुलिस ने घटना को संदिग्ध मानते हुए रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया।

जनपद में शिक्षा के नाम पर खुली लूट हो रही है, चाहे वह एमडीएम हो, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाली पंजीरी हो या बच्चों की किताबें, ड्रेसें, टाट, पट्टी यहां तक कि अध्यापकों के बैठने वाले फर्नीचर तक में प्रधानाध्यापक व प्रधानों को जब तक कमीशन नहीं मिल जाता तब तक कार्यवाही पूर्ण नहीं होती। यही बजह है कि आये दिन प्राइमरी विद्यालयों के रसोईघर पहले तो सूने पड़े रहते हैं। जहां खाना बनता है वहां भी आये दिन रसोईघरों के ताले टूट जाते हैं, जिनसे गैस सिलेण्डर, वर्तन व खद्यान्न चोरी हो जाता है। अब चोरी कौन करता है इसका अभी तक किसी भी विद्यालय का खुलासा नहीं किया गया। यह पुलिस की नाकामी कहें या शिक्षकों व प्रधानों की भ्रष्ट कारगुजारी।

भ्रष्टाचार का एक नया फन्डा उस समय दिखायी दिया जब सदरियापुर के प्रधानाध्यापक निवासी वैजनाथ द्विवेदी पुत्र स्व0 सुन्दरलाल पंजाब नेशनल बैंक से बच्चों के एमडीएम के लिए आठ हजार रुपये लेकर जा रहे थे। साथ में उनके एमडीएम रजिस्टर भी था। रास्ते में दो लुटेरों ने उनसे 8 हजार रुपये व एमडीएम रजिस्टर छीन लिया और फरार हो गये। प्रधानाध्यापक जब थाना कमालगंज में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी। सवाल यह उठता है कि लुटेरों को रुपयों की आवश्यकता तो हो सकती है और शायद प्रधानाध्यापक से लूट की गयी हो लेकिन लुटेरों द्वारा रजिस्टर को लूटने की क्या आवश्यकता पड़ गयी। अपनी जान जोखिम में डालकर लुटेरे प्रधानाध्यापक का एमडीएम रजिस्टर लूटने चले आये। यह वाकया सत्य प्रतीत नहीं होता। इसी के चलते शायद कमालगंज पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। फिलहाल प्रधानाध्यापक वैजनाथ द्विवेदी ने पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की है। सत्यता क्या है यह तो जांच के बाद ही पता चल सकता है।