हैलो डाक्टर:-हृदय रोग से बचाव चाहिए तो तैलीय खानपान से दूरी बनाएं:डॉ० उदय राज

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फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) दिल से ही तो हमारी धड़कनें चलती हैं और उसी से हम जिंदा हैं इसलिए दिल की देखरेख बहुत जरूरी है। जरा सी भी अव्यवस्थित जीवनशैली और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही आप के नाजुक दिल के लिए खतरा पैदा कर सकती है। बदलती लाइफ स्टाइल ने हमारे दिल के लिए खतरा बढ़ा दिया है। जीवनशैली व खानपान में बदलाव ने लोगों को हृदय संबंधी रोगों के करीब पहुंचा दिया है। हृदय रोग किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकते हैं। ये रोग ऐसे होते हैं जिनका इलाज बहुत मुश्किल होता है। इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम शुरू से ही अपने हृदय की खास देखभाल करें और उसे स्वस्थ रखें।
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए हमें अपने रोजमर्रा के जीवन में ही थोड़े बदलाव लाने की जरुरत होती है। अपने खानपान व जीवनशैली की आदतों में कुछ नई बातों को शामिल करने और कुछ खराब आदतों को निकाल देने से हमारे हृदय को फायदा होता है। आइये जानते हैं कि एक स्वस्थ्य हृदय के लिए क्या किया जाना चाहिए।हृदय रोगों से बचना है तो तैलीय खानपान से दूर रहे फाइबर यानी हरी सब्जी, फल व चोकरयुक्त रोटी खाएं और नियमित व्यायाम करें। हृदय रोगी हैं तो दवा नियमित लें और सर्दी के मौसम में एक बार अपने डॉक्टर से जांच करा कर दवाओं की मात्रा ठीक करा लें। यह बात जेएनआई से बात करने के दौरान वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ० उदय राज सिंह ने की| उन्होंने कुछ ह्दय रोगियों को बचाव और उपचार भी बताये जिससे हदय रोगी अपने आप को इस रोग के अटैक से बचा सकते है|
वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर उदयराज सिंह ने बताया:-
मार्निगवॉक पर कब और कैसे निकलें।
मोजा जूता जरूर पहनें, ज्यादा खाना खाकर न निकलें। इससे जो खून हमारे डाइजेस्टिम सिस्टम में चला जाता है और हृदय व मस्तिष्क में खून का बहाव कम हो जाता है। इससे एंजाइना हो सकता है।
हृदय रोग से बचाव कैसे करें, यह कितने प्रकार के होते हैं।
हृदय रोग तीन प्रकार के होते हैं। धमनी में अवरोध के कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज, दूसरे पैदाइशी हृदय रोग जो बहुत कम होते हैं तीसरा र्यूमेटिक फीवर जिसमें जोड़ों व हार्ट वाल्व में खराबी होती है। हृदय रोगों से बचाव के लिए फाइबर वाले खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जी, फल, चोकर की रोटी आदि।
धड़कन तेज होती है,तो क्या करे |
इसका कारण एनीमिया, चाय-काफी, पान मसाला, मानसिक तनाव, बुखार हो सकता है। कुछ गंभीर कारण हैं कंडक्शन डिफेक्ट यानी अरिदमिया, हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, कार्डियो मायोपैथी व हार्ट फेल्योर आदि की स्थिति में धड़कन तेज होती हैं। एयोटिक वाल्व लीक होने के कारण भी धड़कन बढ़ती है जो बुजुर्गों में आम बीमारी है। धड़कन 72 प्रति मिनट होना चाहिए। कम या अधिक होने पर परीक्षण करायें।
हर किसी को तनाव मुक्त रहने की जरूरत
आजकल की जीवनशैली का एक हिस्सा तनाव बन गया है। दफ्तर हो या परिवार, इंसान किसी न किसी वजह से तनाव में घिरा रहता है। लेकिन, तनाव आपके हृदय के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं। इसलिए तनाव मुक्त रहने की कोशिश करें। इससे आपको हृदय रोग को रोकने में मदद मिलेगी, क्योंकि तनाव हृदय की बीमारियों की मुख्य वजह है।
वजन सामान्य रखने की जरूरत
हृदय को स्वस्थ बनाने के लिए जरूरी है कि शरीर के वजन को सामान्य रखें। आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 से नीचे रहना चाहिए। इसकी गणना आप अपने किलोग्राम वजन को मीटर में अपने कद के स्क्वेयर के साथ घटाकर कर सकते हैं। तेल के परहेज और निम्न रेशे वाले अनाजों तथा उच्च किस्म के सलादों के सेवन द्वारा आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।
ह्दय रोग से वचाब को रेशेदार भोजन जरूरी
स्वस्थ हृदय के लिए रेशेदार भोजन का सेवन करें। भोजन में अधिक सलाद, सब्जियों तथा फलों का प्रयोग करें। ये आपके भोजन में रेशे और एंटी ऑक्सीडेंट्स के स्रोत हैं और एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इससे आपकी पाचन क्षमता भी अच्छी बनी रहती है।
शुगर को सामन्य रखने की जरूरत
अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो शुगर को नियंत्रण में रखें। आपका फास्टिंग ब्लड शुगर 100 एमजी/ डीएल से नीचे होना चाहिए और खाने के दो घंटे बाद उसे 140 एमजी/ डीएल से नीचे होना चाहिए। व्यायाम, वजन में कमी, भोजन में अधिक रेशा लेकर तथा मीठे भोज्य पदार्थों से बचते हुए डायबिटीज को खतरनाक न बनने दें। अगर जरूरत परे तो हल्की दवाओं का सेवन करना चाहिए। यदि दिल स्वस्थ है तो इंसान स्वस्थ है। उपर्युक्त बातों का नियमित रूप से ध्यान रखकर अगर आप अपना जीवन व्यतीत करते हैं तो आपका हृदय स्वस्थ रहेगा।
30 एमएल से जादा ना करें मदिरा सेबन
डॉ० उदय राज ने बताया कि जो लोग शराब का सेबन करते है वह 30 एमएल से जादा शराब का सेबन ना करें| अधिक मात्रा ने शराब के सेबन से ह्दय रोगियों को खतरा बढ़ जाता है|
जेएनआई में प्रतिएक बुधवार को हैलो डाक्टर कार्यक्रम के तहत जनपद के विभिन्य चिकित्सकों की बीमारी से सम्बन्धित सलाह एक-एक करके प्रकाशित की जायेगी | आपको केबल क्ररना है की मेरी मेल jnideepakk@gmail.com पर अपने सबाल लिखकर भेजें| आगामी बुधवार को कैसर रोग विशेषज्ञ डॉ० युवराज सिंह आपके कैसर सम्बन्धी सबालों का जबाब जेएनआई के माध्यम से देंगें|