समाज को जागरूक और शिक्षित कर ही समानता सम्भव

FARRUKHABAD NEWS धार्मिक सामाजिक

फर्रुखाबाद: अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ की बैठक रविवार को बेबर रोड स्थित जिलाध्यक्ष दयानन्द के आवास पर हुयी । बैठक में प्रान्तीय उपाध्यक्ष नानक चन्द्र ने कहा कि संविधान में भारत रत्न डाॅ0 अम्बेड़कर ने समाज के दलित, पिछडे़ व शोषित वर्ग के उत्थान हेतु उन्हें सम्पन्न नागरिकों के समान ही राजनैतिक ,सामाजिक व आर्थिक अधिकार के लिए विशेष प्रावधान रखे हैं, जिनके अनुसार आज इस बर्ग के लोगों को अपनी प्रगति व विकासार्थ कानूनी संरक्षण के साथ-साथ समान अवसर भी उपलब्ध हैं। परन्तु लोग धन की परिस्पर्था में डा0 अम्बेडकर के तीन मूल मंत्र शिक्षित बनो, संगठित बनो, संघर्ष करो में केवल शिक्षित बनो की बात पर सन्तोषकर अपने परिवार को बढ़ाने में लगकर डा0 अम्बेडकर के सिद्धान्तों से भटक गया है,इसलिये वैचारिक क्रान्ति पैदा करने आवश्यकता है।

अध्यक्षता करते हुए जिलाध्य़क्ष इ0 दयानन्द ने आडम्बर वाद को त्यागने पर बल दिया,उन्होनें कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि मेरे जीवन से सीखना चाहिए तो वह यह है कि मैने अपने समुदाय का कभी परित्याग नही किया है अपने सारे जीवन भर उनके दुख सुख में भागीदार होकर गर्व महसूस किया है और जीवन पर्यान्त मैं निरंतर ऐसा करता रहूॅगा इस कथन पर अमल करने की आवश्यकता है । बैठक में महामंत्री प्रीतम सिह ने आरक्षण को सामाजिक बराबरी का प्रतिनिधित्व बताते हुए सामाजिक एवं शैक्षिणक स्तर से अनुसूचित जाति का पिछड़ापन की असमानता समाज से दूर न हो जाए तब तक संघ एकजुट होकर सवैधानिक ढंग से लडाई के लिये तैयार रहें।

पूर्व जिलाध्याक्ष दाताराम ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी पदाधिकारियों, सदस्यों को संघ की मजबूती के लिए सत्यनिष्ठा प्रदर्शित करना आपका कर्तत्व है इसलिए संघ की सदस्यता ग्रहण कर बैठको में नियमित जागरुक रहकर शामिल होकर अपने अधिकारों की सुरक्षा करे। धर्मवीर सिंह ने कहा कि लोग आर्थिक सम्पन्नता के बाद अपने लोगो को भूल जाते हैं जो गलत है। इस बात पर कर्मचारी विचार करे समाज के लोगों को सामाजिक आर्थिक ,तथा शैक्षिक दशाओं में सुधार हेतु संविघान में प्रदत्त अधिकार नही मिल रहे है इन अधिकारों की प्राप्ति हेतु कर्मचारी संगठित होकर कार्य करे ।

विनोद कुमार गौतम ने कहा कि डा0 अम्बेडकर कटटरतावादी विचारधारा के थे जिसके कारण ही उन्होंने पूरे भारत वर्ष को नई दिशा दी । उन्होंने समाज में शैक्षिक स्तर को बढ़ाकर गैर बराबरी खत्म करने की लोगों से अपील की तथा डा0 अम्बडेकर के संविधान को देश में लागू कराने के लिए लोगों को जागरूक रहने को कहा। ।
सतीशचन्द्र गौतम ने कहा कि संविधान को पढ़ना होगा और शिक्षित होकर समाज को जागरूक कर समाज में समानता लाकर ही बदलाव संम्भव हो सकेगा। इसके लिए कर्मचारियों को तैयार रहना चाहिए ।

बैठक में प्रान्तीय उपाध्यक्ष नानक चन्द्र ने शिक्षकों व कर्मचारियों को वैचारिक क्रान्ति पैदा करने की कार्यकारिणी में परिवर्तन कर जिम्मेदारी तय की है।इस दौरान उपाध्यक्ष सुभाष चन्द्र,चिन्तामाणि दोहरे,दिनेश कुमार,जवाहर लालरजनीशकान्त गौतम, जबर सिंह,राजीव कुमार,राजवीर,देवेन्द्र कुमार ,मानिक चन्द्र बौद्ध,जवाहर लाल,संग्राम सिंह,पवन कुमार ,मनोज कुमार,रामगोपाल,राकेश बाबू संदीप सिंह,प्रवीन कुमार आदि ने विचार व्यक्त किये ।बैठक का संचालन महामंत्री प्रीतम सिंह ने किया ।