वर्षों बाद दिल खोलकर थिरके कारागार में बंदी

CRIME FARRUKHABAD NEWS JAIL POLICE

फर्रुखाबाद:वर्षो बाद यह नजारा देखनें को मिला जब उत्साहित बंदियों ने अधिकारियों और साथियों के सामने जमकर नृत्य किया| मौका था जेल दिवस का लेकिन वही कई कैदियों के रिहाई के भी चिठ्ठी आने वाली थी| देशभक्ति के तराने जब गूंजे तो बंदी अपने कदमो को थिरकने से नही रोंक पाए|
जब बंदी अमित कुमार ने कारागार दिवस पर वर्ष 1983 में बनी फिल्म सौतन में लतामंगेशकर द्वारा गाया गया गीत जिन्दगी प्यार का गीत है इसे हर दिल को गाना पड़ेगा,जिन्दगी गम का सागर भी है हंसके उस पार जाना पड़ेगा गाया तो लगा की बंदी ने अपना दिन निकाल कर रख दिया हो| उसका गाना सभी के दिल में उतर गया| सभी ने पूरे ध्यान से गाने का आनन्द लिया| वही दूसरे बंदी ने हो लाल मेरी पत रखियो बला – दमादम मस्त कलन्दर! आदि गीत प्रस्तुत किये|
देश भक्ति के गीत ये देश है वीर जवानो का अलबेलों का मस्तानो का गीत सुनाते ही बैठे बंदी अपने पैरों को रोंक नही पाये| मंच से लेकर दर्शको की लाइन में बैठे बंदी थिरकने लगे| हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई सभी धर्मो के बंदी एक साथ एक मंच थिरकते नजर आये| कई बंदियों की बहुत जल्द रिहाई भी होनी है| जिसके चलते उनके पैर जमी पर नही पड़ रहे थे| कई वर्षों के बाद लगा की जेल में बंदी किसी कार्यक्रम में इस तरह से खुलकर नाचे हों|
मंगलवार को हो सकती 30 बंदियों की रिहाई
शासन के आदेश के क्रम में दूसरे चक्र के तहत 30 बंदियों की और रिहाई होनी है| जिसका आदेश आने का इंतजार है| बताया जा रहा है कि सोमबार देर रात तक आदेश आ जायेगा| यदि समय पर आदेश आ गया तो मंगलवार को 30 बंदियों की रिहाई होगी|
सेन्ट्रल जेल के अधीक्षक एसएचएम रिजवी ने जेएनआई को बताया कि अभी आदेश आने का इंतजार है| सोमबार रात में आदेश आने की सम्भावना है| आदेश आते ही रिहाई कर दी जायेगी|