मेरठ में आवारा सांड़ ने ग्रामीण को पटक-पटककर मार डाला

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मेरठ:मुंडाली थानाक्षेत्र के गांव भगवानपुर चट्टावन में रविवार देर रात करीब डेढ़ बजे एक सांड़ बेकाबू हो गया। उसने रात में ही सड़क पर घूम रहे एक ग्रामीण की जान ले ली। उसकी पहचान नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को सूचना दी, जो चार बजे गांव में पहुंची। टीम सांड़ को काबू न कर सकी। इसके बाद ग्रामीणों ने ही मोर्चा संभाला। रस्सियों से बांधकर सांड को काबू किया। बाद में वन विभाग की टीम ने उसे इंजेक्शन भी दिया। सांड़ की मौत भी हो गई। उसे ग्रामीणों ने मिट्टी में दफना दिया।
हिंसक हो रहा था
ग्राम प्रधान अनिल कुमार के अनुसार, गांव में एक सांड़ को छोड़ा हुआ था। यह सांड पिछले दो तीन दिनों से ग्रामीणों पर हमलावर हो रहा था, लेकिन ग्रामीण उसे हल्के में ले रहे थे। ताकि वह ठीक हो सके। देर रात सांड़ बेकाबू हो गया। उसने कई ग्रामीणों को टक्कर मारी। ग्रामीण अपने घर में छिप गए। ग्रामीणों के अनुसार, उनके गांव में पिछले कई दिनों से एक अशक्त व्यक्ति घूम रहा था। सांड़ ने रात डेढ़ बजे इस व्यक्ति को कई टक्कर मारीं और गंभीर रूप से घायल कर दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
रिटायर्ड डीएफओ गन लेकर पहुंचे
सोमवार सुबह चार बजे वन विभाग के रिटायर्ड डीएफओ जीएस खुसारिया गन लेकर गांव में पहुंचे। उन्होंने गन से सांड़ को बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन गन नहीं चल पाई। इसके बाद ग्रामीणों ने मोर्चा लिया और रस्सियों से सांड़ को बांध लिया। वन विभाग की टीम ने इंजेक्शन दिया। ग्रामीणों के अनुसार, कुछ देर के बाद सांड की मौत हो गई। गांव में पहुंचे मुंडाली एसओ रितेश कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सांड़ के शव को भी दफना दिया गया है।
आखिर क्यों भेजे रिटायर्ड डीएफओ
ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें गांव में विशेषज्ञ भेजने चाहिए थे, लेकिन रिटायर्ड डीएफओ को भेज दिया। वहीं, डीएफओ आदिति शर्मा का कहना है कि वह हाल ही में रिटायर्ड हुए हैं और हमसे अधिक अनुभवी हैं। वह गांव के नजदीक थे तो व्यक्तिगत निवेदन कर उन्हें भेजा गया था। ताकि गांव में जल्दी पहुंचें और स्थिति को काबू करें।
इन्होंने कहा
पालतू जानवर यदि ऐसा करता है तो इसकी हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। फिर भी हमने गांव में अपनी टीम भेजी ताकि किसी की जान न जाए। गन चलाने के लिए पहले प्रेशर बनाना पड़ता है। हो सकता है गन का प्रेशर न बना हो, इसलिए न चल पाई हो। गन क्यों नहीं चली। इसे दिखवाया जा रहा है।
-आदिति शर्मा, डीएफओ