कठेरिया का बेटा तिवारी कैसे? यही साबित न कर पाने में फस गया टप्पेबाज

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद: कैनरा बैंक की आवास विकास शाखा में एक टप्पेबाज किसी तीसरे के खाते से पैसा उड़ाने के चक्कर में दबोच लिया गया| पढ़ा लिखा कम होने के कारण चेक इस्तेमाल के नए तरीके से वाकिफ न होने की वजह से कैशियर के सवाल जबाब में फसा तिवारी कठेरिया को अपना बाप साबित करने में फेल होकर फस गया| पुलिस के शिकंजे में आने के बाद टप्पेबाज ने कबूला कि उसने आज ही किसी पोस्टमैन का झोला उड़ाया था जिसमे उसे चेक बुक मिली थी|

मंगलवार दोपहर आवास विकास की कैनरा बैंक की ब्रांच में एक अधेड़ एक चेक से भुगतान लेने के लिए काउंटर पर पंहुचा| सुनीता के नाम से जारी चेक पर सरला के हस्ताक्षर कर धारक में खुद का नाम रवि तिवारी डाल भुगतान के लिए काउंटर पर चेक प्रस्तुत किया ही था कि कैशियर को कुछ शक हो गया| कैशियर ने चेक देने वाले से पूछ दिया कि चेक किसने दिया तो उसने बताया कि पिताजी ने दिया| अब मामला और शक में फसा|

बाप की जात गलत बताने- के चक्कर में फस गया, बड़े नेता का बेटा होता तो शायद न फसता

भुगतान लेने वाले का नाम रवि तिवारी लिखा था और बैंक में खाता धारक में सुनीता पत्नी भुपेश कठेरिया का नाम था| बैंक कर्मी के सवाल पूछने पर टप्पेबाज ने बताया था कि उसे उसके पिता ने चेक काट कर दी है भुगतान लाने के लिए| अब तिवारी और कठेरिया बाप बेटा कैसे हो गए इस पर कैशियर का माथा ठनक गया|“व्यंग- अब टप्पेबाज ठहरा गरीब सो फस गया वर्ना यदि यही मामला राजनीति में किसी बड़ी हस्ती का होता तो उसमे कठेरिया क्या कोई भी जात या धर्म का का बाप हो सकता था? अब मामला छोटे आदमी यानि आम आदमी का था सो फस गया?” कैशियर के शक करते ही खुद को रवि तिवारी बताने वाला भागने लगा तो बैंक के गार्ड ने दबोच लिया और 100 न० डायल कर पुलिस बुला ली|

आज ही ताजा ताजा झोला साफ़ किया था टप्पेबाज ने-

दरअसल में लोहिया अस्पताल में डाक बाटने गए एक पोस्टमैन का झोला दोपहर 11 बजे इस टप्पेबाज ने पार कर दिया| झोले में चेक बुक थी सो उसने तुरंत ही गणित बैठा ली कि कुछ माल निकाल लिया जाए| मगर आज की हाईटेक बैंकिंग में किसी की चेक से पैसा निकाल लेना इतना आसान नहीं ये बात बेबकूफ टप्पेबाज की समझ से परे थी लिहाजा फस गया| चेक बुक से खाते का मिलान कर पता किया गया तो पता चला कि अमुक चेक तो अभी बैंक से भेजी गयी नई चेक बुक से है और जो ट्रैक रिकॉर्ड के हिसाब से अभी डाकिये के पास ही है| इस पर बैंक ने डाकखाने फोन किया तो पता चला कि आज ही कुछ घंटे पहले डाक बाबु का झोला किसी टप्पेबाज ने लोहिया अस्पताल से उड़ा दिया था|डाक बाबू अलग परेशान घूम रहे थे| मगर बैंक कर्मी देवेश अवस्थी की चतुराई से कई मामले हल हो गए| यहाँ गुड वर्क का इनाम देवेश अवस्थी को मिलना चाहिए|

खुद को रवि तिवारी बताने वाला हाल निवासी खड़ियाई बता रहा है और रहने वाला मुड़गाँव का बता रहा है| वैसे कई दिन से नगर में कई वारदात हो चुकी है| पुलिस को बैंक कर्मी के सहारे ही सही मामले निपटाने के लिए एक मुर्गा तो मिल ही गया| अब देखते है कितने केस निपटते है खुद को रवि तिवारी बताने वाले से…