प्रियंका के सामने ही भिड़े भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ता, लगे मोदी-मोदी के नारे

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वाराणसी:गंगा के रास्ते पूर्वी उत्तरप्रदेश के चुनावी सफर को तय कर रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। अपनी गंगा यात्रा के तीसरे दिन प्रियंका वाड्रा बनारस में हैं। इससे पहले यात्रा के दूसरे दिन उन्होंने प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर निशाना साधा कि बार-बार बीते 60-70 साल में कुछ न होने का हवाला देने वाले अपने पांच साल का हिसाब नहीं दे रहे हैं। पिछले पांच साल से सिर्फ झूठ बोला जा रहा है।

वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पहुंचीं प्रियंका पहले दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा का पूजन किया। इस दौरान उन्होंने मां गंगा की आरती उतारी। यहां से वह बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिये पहुंची। उन्होंने चुनरी ओढ़कर बाबा के दर्शन किए।
वाराणसी के रामनगर से स्टीमर से अस्सी घाट पहुंचीं प्रियंका ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार आई तो मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय बनेगा। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में राजनीति का मकसद बदल गया है, अब यह  सत्ता पाने और जनता को दबाने के लिए हो रही है। वाराणसी के रामनगर में प्रियंका ने लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। हालांकि इसी बीच प्रियंका के सामने ही मोदी-मोदी की नारेबाजी कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की मारपीट हो गई। प्रियंका के जाते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने शास्त्री प्रतिमा से माला उतार कर गंगा जल से नहाया और प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करने लगे।

पीएम जनता को बेवकूफ न समझें, जनता सब देख और समझ रही
वाराणसी में वंशवाद पर पीएम के ट्वीट पर पलटवार करते हुए प्रियंका ने कहा कि पिछले पांच साल में भाजपा ने सुनियोजित तरीके से संस्थाओं पर हमला किया है। हमें जितना प्रताणित किया जाएगा हम उतने जोर से प्रतिकार करेंगे। पीएम जनता को बेवकूफ न समझें। जनता सब देख और समझ रही है।
सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर तीखा वार
भदोही स्थित सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी से लेकर मीरजापुर के ऐतिहासिक चुनार किले तक की करीब 75 किमी की यात्रा में प्रियंका ने 30 किमी का सफर गंगा के रास्ते स्टीमर से तय किया। सड़क मार्ग के दौरान बीच-बीच में भीड़ के साथ पैदल भी चलीं। मंदिरों में दर्शन-पूजन के साथ ही दरगाह में चादर भी चढ़ाई। सुबह सीतामढ़ी मंदिर में दर्शन करने के साथ ही वहां मौजूद मीडिया से मुखातिब होकर सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर तीखा वार किया। बोलीं सरकार का प्रचार बहुत अच्छा है लेकिन जमीनी हकीकत से इसका कोई वास्ता नहीं है। युवा, बेरोजगार और किसान सभी परेशान हैं। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता प्रताडि़त हैं।
चुनरी ओढ़ी, चादर चूमा
अपने चुनावी सफर में प्रियंका लोगों को धर्म के नाम पर बांटने से आगाह भी कर रही हैं तो खुद धार्मिक समीकरणों में भी सामंजस्य बिठाने से नहीं चूक रही हैं। सीतामढ़ी के अलावा उन्होंने मां विंध्यवासिनी के धाम में दर्शनपूजन किया और प्रसाद स्वरूप मिली चुनरी को ओढ़ा। मंदिर से कुछ ही दूर स्थित कंतित के मौलाना इस्माइल चिश्ती की मजार पर चादरपोशी की और अकीदत में चादर को चूमा भी। चुनार में महाराज गुहराज निषाद का भी दर्शन किया।
मोदी-मोदी, राहुल-प्रियंका और जयमाता दी
प्रियंका को विंध्यवासिनी धाम में सुबह 11 बजे पहुंचना था लेकिन वह पहुंची दोपहर एक बजे के बाद। इस बीच रोज की तरह 12 बजे मंदिर बंद हुआ और दर्शनार्थियों की काफी भीड़ जुट गई। प्रियंका के चलते दर्शनार्थियों को देर तक रोका गया था। क्षुब्ध कुछ दर्शनार्थियों ने प्रियंका के मंदिर में प्रवेश करते ही मोदी-मोदी की नारेबाजी शुरू कर दी। यह देख कुछ दर्शनार्थी राहुल और प्रियंका के लिए नारेबाजी करने लगे। इस उपजे हालात का पटाक्षेप तब हुआ जब तटस्थ बहुसंख्य दर्शनार्थियों ने जय माता दी का उद्घोष शुरू कर दिया।
56 इंच के सीने वाले ने नहीं पूरे किए वादे
इससे पहले सोमवार को प्रियंका वाड्रा ने गंगा यात्रा की शुरुआत प्रयागराज से की थीं। सोमवार की शाम वह पौराणिक स्थल सीतामढ़ी पहुंचीं। गंगा किनारे आयोजित मछुआरों व महिलाओं से संवाद में बगैर प्रधानमंत्री का नाम लिए उन्होंने तंज कसा। बोलीं, खुद को शक्तिमान और 56 इंच के सीने वाले इतने महान नेता आप हैं तो सभी वादे पूरे क्यों नहीं किए। सच ये है कि मौजूदा सरकार दुर्बल है।
आज मोदी की काशी में प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मंगलवार की रात चुनार किला स्थित गेस्ट हाउस में प्रवास के बाद बुधवार की सुबह बनारस का रुख करेंगी। पूर्वांचल की तीन दिनी यात्रा के अंतिम दिन वह पीएम के संसदीय क्षेत्र में पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री को नमन करेंगी। अस्सी घाट पर निषाद समाज, जैन समाज व जनता से संवाद करेंगी। श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करने के बाद शाम को कार्यकर्ताओं संग होली मिलन समारोह में शामिल होने के बाद जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए तीन जवानों के परिवारीजन से मुलाकात कर बनारस से रवाना हो जाएंगी।