दलाई लामा बोले करुणा सभी धर्मों का मूल उद्देश्य

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मैनपुरी:तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा का मानना है कि व्यक्ति को खुद के अंदर सुधार कर धर्म की ओर अग्रसर होना चाहिए। शुद्ध आचरण करने से मन को मिलने वाली शांति आध्यात्म की ओर अग्रसर करती है। उन्होंने करुणा को सभी धर्मों का मूल उद्देश्य बताया है।
14 वें दलाईलामा तेनजिन ज्ञात्सो ने ये बातें क्षेत्र के गांव जसराजपुर में वाईबीएस सेंटर पर चल रहे तीन दिवसीय धम्म प्रवचन कार्यक्रम के दूसरे दिन उपासकों से कहीं। उन्होंने कहा कि बौद्ध विचारों का संकलन बोधिचर्यावतार में किया गया है। इसका अध्ययन करने से व्यक्ति के जीवन में सुख का रास्ता खुलता है। क्रोध करने वाले को कभी भी मानसिक शांति व परम सुख की प्राप्ति नहीं हो सकती है। नास्तिक लोग भी हमेशा प्रेम के भूखे होते हैं। जीवन में समृद्धि के लिए बौद्ध दर्शन का अध्ययन सभी के लिए जरूरी है। व्यक्ति को हमेशा मानवता के कल्याण की भावना को मन में रखकर भगवान बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने का प्रयास करना चाहिए। दलाईलामा ने प्रवचन के दौरान बोधिचर्यावतार पुस्तक के कई अंशों को उपासकों से पढ़वा कर उनका मतलब बताया। उन्होंने कहा कि नियमित ध्यान साधना करने वालों को बुद्धत्तव की प्राप्ति आसानी से हो सकती है। नालंदा परंपरा के अनुसार ज्ञान का उपयोग कर मन को शुद्ध बनाया जा सकता है। विज्ञान ने भी बौद्ध धर्म में शुद्धीकरण की बात को माना है। व्यक्ति को खुद में सुधार के लिए अपना स्वामी बनने की नसीहत देते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की।
डीएम प्रदीप कुमार, एसपी अजय शंकर राय ने होटल में पहुंच कर दलाईलामा का आशीर्वाद लिया। उनके दीदार के लिए सड़क के दोनों ओर विदेशी और देशी श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं।
तिब्बत और अरुणाचल की सांस्कृतिक झलक देखने की ललक
दलाईलामा के प्रवचन के बाद कार्यक्रम स्थल पर सजे शानदार मंच से सोमवार रात अरुणाचल प्रदेश व तिब्बत के कलाकारों ने शानदार रंगारंग प्रस्तुतियां दी। अरुणाचल के आधा संैकड़ा कलाकारों ने पारंपरिक बार्डो चाम नृत्य की प्रस्तुति दी। जबकि तिब्बत के कलाकारों ने चाम नृत्य प्रस्तुत किया। देर रात तक कलाकारों की प्रस्तुतियां देखने के लिए श्रद्धालु जमे रहे। कलाकारों ने नृत्य के अतिरिक्त पारंपरिक पोशाक पहन कर विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
चश्मा उतारकर पढ़ी बौधिचर्यावतार
मंच पर दलाईलामा ने अपने उद्बोधन के दौरान बौधिचर्यावतार का पाठ शुरू कराया। पाठ को स्वयं दलाईलामा ने चश्मा उतारकर पढ़ा। उनके चश्मा उतारकर किताब पढऩे के दृश्य को मोबाइल में कैद करने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ लग गई। दलाईलामा ने मंगलवार को मंच पर सर्दी दूर करने के लिए चाय की चुस्की भी ली। उन्होंने महामंगल सूत्र का पाठ करने वाले बच्चों को अपने पास बुलाकर दुलार दिया।
विदेशियों की संख्या में बढ़ोतरी
जसराजपुर में दलाईलामा के प्रवचन को सुनने के लिए दूसरे दिन विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो गया। विदेशी श्रद्धालुओं ने दलाईलामा की ज्ञान की बातों को सुनने के साथ डायरी में नोट भी किया। मंगलवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों से आने वाले अनुयायियों की संख्या भी बढ़ गई। पंजीकरण कराने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ काउंटरों पर नजर आई।
वॉलंटियर्स ने दिखाया मैनेजमेंट
वाईबीएस सेंटर पर उमड़ी भीड़ को बेहतर तरीके से संभालने के लिए लगी वॉलंटियर्स की टीम ने विभिन्न व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी बखूबी संभाली। भारी भीड़ के बावजूद कार्यक्रम स्थल पर भोजन, पेयजल, पार्किंग, शौचालय, पंजीकरण आदि व्यवस्थाओं का संचालन बेहतर तरीके से हुआ। वाईबीएस के टीम लीडर अपनी टीमों के काम की निगरानी करते नजर आए।
बोधगया के छात्रों ने दिया बोधिवृक्ष
दलाईलामा को भेंट करने के लिए बोधगया से लाए गए बोधिवृक्ष की उन्होंने पूजा की। बोधगया विश्वविद्यालय के आधा दर्जन छात्र मंगलवार को कार्यक्रम स्थल पर बोधिवृक्ष पीपल लेकर पहुंचे। प्रवचन के बाद मंच के पीछे दलाईलामा ने विद्यार्थियों के सामने पीपल के पौधे पर चावल और रोली लगाकर पारंपरिक पूजा की। पूजा कराने के बाद बोधगया के छात्रों के चेहरों पर खुशी नजर आई। कार्यक्रम में दूसरे दिन भाग लेने के लिए लद्दाख और तिब्बत के दर्जनों लामा पहुंचे।
तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा
दलाईलामा की सुरक्षा के लिए उनके ट्रस्ट के अतिरिक्त केंद्र सरकार के अधिकारी भी निगरानी कर रहे हैं। कार्यक्रम स्थल पर तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा दलाईलामा को कवर किए हुए है। सुरक्षा घेरे के चलते फोटो ङ्क्षखचाने की चाहत रखने वालों को निराशा हाथ लगी।तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा का मानना है कि व्यक्ति को खुद के अंदर सुधार कर धर्म की ओर अग्रसर होना चाहिए। शुद्ध आचरण करने से मन को मिलने वाली शांति आध्यात्म की ओर अग्रसर करती है। उन्होंने करुणा को सभी धर्मों का मूल उद्देश्य बताया है।
कार्यक्रम में आयोजन समिति के अध्यक्ष पूर्व मंत्री आलोक शाक्य, पूर्व सांसद रघुराज शाक्य, वाईबीएस अध्यक्ष सुरेश बौद्ध, महासचिव भंते उपनंद थैरो, एसडीएम महेश प्रकाश, पीसी आर्य, डॉ. अजब ङ्क्षसह यादव, राकेश बौद्ध, उत्तम बौद्ध, प्रेमङ्क्षसह शाक्य, रोहित बौद्ध, अर्जुन ङ्क्षसह, तीर्थराज बौद्ध, सोबरन ङ्क्षसह शाक्य, आलोक ङ्क्षसह, रामप्रकाश मौर्य, प्रवीन बौद्ध, मिथलेश अग्रवाल, जोगराज शाक्य, रावल ङ्क्षसह यादव, हीरालाल शाक्य मौजूद रहे।