जिले की सबसे बड़ी समस्या से मुह छुपाकर चले गए जिले के प्रभारी मंत्री

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद: बीते चार दिन से डॉक्टर्स और शिक्षको में टकराव के चलते गाँव और गरीब आदमी को इलाज नहीं मिल पा रहा है| डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर्स बीते चार दिनों से ऑपरेशन थिएटर में अभद्रता करने वाले शिक्षक नेता की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर हड़ताल पर है| दूसरी तरफ शिक्षक भी डॉक्टर की गिरफ़्तारी को लेकर अड़े है| बीच में पिसती गाँव और गरीब जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं| चुनाव निपट गया अब वोट तो चाहिए नहीं|  लोहिया अस्पताल में उनके आने के चर्चे बस चर्चे भर रह गए| प्रभारी मंत्री चेतन चौहान शुक्रवार को जिले में आये आंधी से हुए दो परिवारों की जनहानि को राहत की चेक बाटी और दिल्ली चले गए| जाहिर है आंधी अचानक आई थी उससे दो मौते भी अचानक हुई थी फिर भी मंत्री जी तो आये| फिर जिले की सबसे बड़ी समस्या को कैसे अनदेखा कर गए| सवाल तो उठेंगे ही|

जनपद में इन दिनों सबसे बड़ी समस्या गरीब मरीजो के इलाज को लेकर है| जिला प्रशासन हड़ताली डॉक्टर्स को अब तक मनाने में नाकामयाब रहा| मामला दोनों पक्षों के संगठनों के हाथ में है| मामले में नेतागिरी चरम पर है| प्रशासनिक तंत्र मामला सुलझाने में लाख कोशिश के बाद भी व्यवस्था बहाल नहीं कर सका| प्रशासनिक अफसरों को दिशा निर्देश देने भर से काम चलता तो ऐसा तो था नहीं कि जिलाधिकारी से लेकर पुलिस कप्तान और जिले के छोटे बड़े लगभग सभी अफसरों ने प्रयास नहीं किया|ऐसे में उम्मीद थी कि शिक्षक नेता की बिरादरी के मंत्री कुछ हल निकालेंगे मगर वे भी चले गए| प्रभारी मंत्री क्या सिर्फ मीटिंग करने और राहत आदि बाटने के कार्यक्रम भर के लिए होते है| क्या दोनों पक्षों को बिठा कर उन्हें समस्या का हल नहीं निकालना चाहिए था| मगर ये उत्तर प्रदेश है, यहाँ अभी भी जात पात का ढकोसला जमकर चलता है| किसको मनाने से कौन नाराज हो जायेगा और कौन साथ आएगा और आने वाले समय में वोटो में मदद करेगा सारी बिसात इसी को लेकर बिछाई जाती है| गरीब मरता है तो मरता रहे| हंगामा कटता है तो कटता रहे|