एससी-एसटी एक्ट के विरोध में बाजार बंद कर प्रदर्शन

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फर्रुखाबाद: सरकार द्वारा किये गये संसोधन के विरोध में आखिर अब राजनीति फिर गर्म हो गयी है| जिसके चलते लोगों ने सडकों पर उतर कर प्रदर्शन किया साथ ही बाजार बंद करा दिया|
मोदी सरकार के द्वारा पहले एससी-एसटी एक्ट में किये गये बदलाब के चलते तत्काल गिरफ्तारी की व्यवस्था को हटा दिया गया था| जिससे दलित समाज सडकों पर आ गया था| मोदी सरकार ने दलित कार्ड खेलते हुये अपने एससी-एसटी एक्ट में पुन: बदलाब किये है और गिरफ्तारी को फिर बहाल किया है|
जिससे सर्व समाज में आक्रोश पनप गया है| जिसके चलते गुरुवार को सर्वसमाज के लोग सडकों पर आ गये| जिसमे व्यापार मंडल के पदाधिकारियों सहित अन्य संगठनो के लोग भी शामिल है| नगर का बाजार बंद कराकर प्रदर्शन किया गया| व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष संजीब मिश्रा बॉबी ने बताया कि सर्व समाज ने आन्दोलन किया| वही कंपिल में भी जोरदार प्रदर्शन किया गया|
क्या है सवर्णों की मांग?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट पर जो फैसला सुनाया था उसे सवर्ण समाज बिल्कुल सही मानता है|सवर्ण समुदायों का कहना है कि इस एक्ट का दुरुपयोग कर उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जाता है| यही कारण है कि लोग एससी/एसटी एक्ट पर शीर्ष न्यायालय के फैसले को बहाल करने की मांग कर रहे हैं|
सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया था फैसला?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच ने इसी साल मार्च में SC/ST एक्ट में बदलाव करने का फैसला दिया था| जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एससी/एसटी मामले में FIR दर्ज करने से पहले कोई प्रारंभिक जांच की जाए| अभियुक्‍त की गिरफ्तारी करने के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा CRPC की धारा 438 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्‍याचार निवारण कानून पर लागू होगी|
क्या किया केंद्र सरकार ने?
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद देशभर में दलितों का गुस्सा फूट पड़ा. इसी साल 2 अप्रैल को दलितों ने भारत बंद बुलाया था, जिसमें काफी हिंसा हुई थी. इसी वजह से सरकार पर दबाव बना और सरकार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटना पड़ा. सरकार ने मानसून सत्र में एससी-एसटी एक्ट में संशोधन से संबंधित विधेयक को मंजूरी दे दी|
आखिर क्या है SC/ST एक्ट?
दरअसल, SC/ST एक्ट के तहत दलित समुदाय का कोई व्यक्ति यदि किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराता है, तो आरोपी व्यक्ति के खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज हो जाती है. इतना ही नहीं बल्कि उसे बिना जांच के गिरफ्तार कर लिया जाता है|