एंटी रेबीज ख़त्म, मौत के साये में जीने को मजबूर मरीज

FARRUKHABAD NEWS जिला प्रशासन सामाजिक

फर्रुखाबाद:(कमालगंज)योगी सरकार में सरकारी अस्पतालों की दशा सुधरने के बजाए बिगड़ती ही जा रही है। दवाओं की किल्लत से जुझ रहे सरकारी अस्पतालों में अब कुत्ता काटने के बाद लगने वाली एंटी रेबीज वैक्सीन भी नहीं मिल रही है। यह स्थिति न सिर्फ पीएचसी और सीएचसी, बल्कि मंडलीय अस्पताल में भी डेढ़ माह से है। जिसके अभाव में मरीजों को बाहर से इंजेक्शन को खरीदना पड़ रहा है। जबकि कई मरीजों को बिना सुई के मायूस लौटना पड़ रहा है। लोहिया अस्पताल में भी लगभग एक महीने से एंटी रेबीज नही है|
क्षेत्र में कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इस दौरान सीएचसी पर प्रतिदिन कुत्ता काटने की सुई लगवाने आने वालों की भीड़ उमड़ रही है। सीएचसीपर प्रतिदिन लगभग 30 से 40 मरीज एंटी कुत्ते के काटने के मरीज आते है| इसके बाद भी सीएचसी पर इस वैक्सीन का टोटा है। अस्पताल पर पहुंचने वाले मरीज एंटी रेबीज इंजेक्शन न मिलने से परेशान हैं और मजबूरी में मुंहमांगी कीमत देकर प्राइवेट में सुई लगवा रहे है। योगी सरकार ने स्वस्थ्य केंद्रों की दशा सुधारने का दावा किया था, लेकिन वर्तमान में स्थिति बहुत ही बुरी हो गई है। कभी अस्पताल पर दवाओं की किल्लत होती है तो कभी डॉक्टरों द्वारा बाहर की दवाएं लिखने की शिकायत मिलती है। वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बीते लगभग चार दिन से एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। काटने के तुरंत बाद लगने वाले एआरबी कई-कई दिनों तक ना लगना तो मरीजो में मौत का खौफ बना रहा है| पूर्व में एक मासूम बच्ची व ग्रामीण की मौत एंटी रेबीज के ना मिलने से हो चुकी है| इसके बाद भी जिला प्रशासन हरकत में नही आ रहा है|
सीनियर फार्मासिस्ट प्रेमचंद राजपूत ने बताया एंटी रेबीज इंजेक्शन 4 दिन से नहीं है डिमांड भेजी जा चुकी है|
(कमालगंज से मुईद खान)