अब रविवार को होगा सीएम के नाम का एलान,छत्तीसगढ़ में सस्पेंस बरकरार

FARRUKHABAD NEWS POLICE जिला प्रशासन

नई दिल्ली:छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस अभी भी अपने मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला नहीं कर पाई है। एमपी और राजस्थान की तरह अब छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस आलाकमान सीएम का नाम तय करने पर काफी माथापच्ची कर रहा है। आज यानी शनिवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में सीएम का नाम तय किया जाना था, लेकिन अब ये बैठक टल गई है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रभारी ने बताया कि रविवार दोपहर 12 बजे पार्टी के विधायक दल की बैठक होगी। जिसके बाद मुख्यमंत्री के नाम का एलान किया जाएगा।पुनिया ने यह भी कहा ‘राज्यपाल ने हमें शपथ ग्रहण के लिए 17 दिसंबर की शाम साढ़े चार बजे तक का वक्त दिया है। ऐसे में जल्दी क्या है?’
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के चारो उम्मीदवार भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत के साथ ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर की। इस तस्वीर पर उन्होंने रिड हॉफमेन का एक कोटेशन लिखते हुए कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका दिमाग या रणनीति कितनी शानदार है, अगर आप एकल गेम खेल रहे हैं, तो आप हमेशा एक टीम से हार जाएंगे।’
भाजपा ने तो 7-8 दिन लिए थेः सिंह देव
मुख्यमंत्री के नाम को लेकर हो रही देरी पर टीएस सिंह देव ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ में एक से ज्यादा योग्य उम्मीदवार दावेदार हैं इसीलिए नाम तय करने में समय लग रहा है। 11 तारीख को भी देर में परिणाम आया इस लिहाज से अभी सिर्फ 4 ही दिन हुए हैं। भाजपा ने अपने सीएम (यूपी) को चुनने के लिए 7-8 दिन लिए थे।’
कौन होगा डिप्टी सीएम?
इस वक्त छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के लिए भूपेश बघेल का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। उनके बाद टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत का नाम भी रेस में है। ऐसे में जानकार मानते हैं कि ताम्रध्वज साहू और टीएस सिंह देव में से किसी एक डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। जबकि कुछ अन्य लोगों का ये भी कहना है कि मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव होंगे जबकि बघेल और साहू में से किसी एक को डिप्टी सीएम की कुर्सी मिलेगी।
भूपेश बघेलः प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं। 23 अगस्त 1961 को जन्मे बघेल कुर्मी जाति से आते हैं। छत्तीसगढ़ की राजनीति में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। वह छत्तीसगढ़ में कुर्मी समाज के सन् 1996 से वर्तमान तक संरक्षक बने हुए हैं। 1999 में मध्य प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री रहे हैं।
अक्टूबर 2017 में कथित सेक्स सीडी कांड में भूपेश के खिलाफ रायपुर में एफआईआर हुई और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल जाना पड़ा। अक्टूबर में ही भूपेश बघेल नए विवाद में पड़ गए थे। एक सभा के दौरान बीजेपी पर निशाना साधते वक्त उनके मुंह से लड़कियों के लिए आपत्तिजनक शब्द निकल गए थे। इससे सभा में उपस्थित महिलाएं बीच कार्यक्रम में ही उठकर चली गईं थीं।
टीएस सिंहदेवःनेता प्रतिपक्ष हैं। वह चुनाव जीतने वाले छत्तीसगढ़ के पहले नेता प्रतिपक्ष बने हैं। अपनी परंपरागत अंबिकापुर सीट से लगातार तीसरी बार जीत दर्च की है। वह शुरू से सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। उनका रुतबा पूरे छत्तीसगढ़ में है। राज घराने से ताल्लुक रखने के बावजूद लोग उन्हें राजा जी या राजा साहब की जगह प्यार से टीएस बाबा कहकर पुकारते हैं। वह राज्य के सबसे अमीर विधायक भी हैं। 2013 के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और मिजोरम के सभी विधायकों की संपत्ति मिला दी जाए तो वह टीएस बाबा की संपत्ति के बराबर होगी। ताम्रध्वज साहूः पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। राहुल के कहने पर वह बतौर सांसद रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़े। इसलिए माना जाता है पार्टी ने उन्हें कुछ सोचकर विधानसभा चुनाव में उतारा है। लिहाजा उन्हें सीएम रेस में माना जा रहा है।
साहू, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) विभाग के अध्यक्ष हैं। वह 1998-2000 तक राज्य विधान सभा मध्य प्रदेश के सदस्य रहे। 2000 से 2003 तक छत्तीसगढ़ सरकार में राज्यमंत्री रहे। 2000 से 2013 तक तीन कार्यकाल के लिए छत्तीससगढ़ विधान सभा सदस्य रहे। 2014 में लोकसभा चुनाव जीता।