अब पचास हजार लिए है तो मुह बंद कर ट्रेनिंग कर लो….

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद: ईमान तो पहले ही 50 हजार में गिरऊँ ध्ध दौ तो सवाल का मूसर पूछियो? ये वार्तालाप की वो पंक्तिया है जो दो क्षेत्र पंचायत सदस्य अपने चुने जाने के चौथे साल अपने प्रशिक्षण के दौरान एक दूसरे से कर रहे थे| मामला फर्रुखाबाद जनपद के राजेपुर ब्लाक का है| यहाँ त्रिस्तरीय पंचायत चुनावो के चार साल बाद क्षेत्र पंचायत सदस्यों को सरकारी खर्चे पर पंचायत चलाना सिखाया जा रहा है| यानि प्रशिक्षण चल रहा है|

सोमवार 17 जून 2019 को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ| पूरे क्षेत्र के कुल 93 सदस्यों में से 79 सदस्य उपस्थित हुए| बाकी का लंच ख़राब नहीं हुआ स्टाफ के काम आया| इसी राजेपुर  ब्लाक से सुबोध यादव ब्लाक प्रमुख है| जो भारी मतों से जीते थे| अब ब्लाक प्रमुख उत्तर प्रदेश में कैसे बनते है इसके लिए किसी प्रशिक्षण की जरुरत नहीं| पहले सपाई बनते थे अबकी बार भाजपाई बनेगे| होता था किसी जमाने में ब्लाक प्रमुख का रुतवा, तब वोट पैसे से नहीं रुआब और व्यवहार में पड़ते थे| जबसे प्रमाण पत्र बिकने लगे, कोई न पूछता| न बिकने वाले को और न खरीदने वाले को| बने रहो कलेक्टर अपने मन में|

खैर बात राजेपुर ब्लाक में चल रहे दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की चल रही थी| क्षेत्र पंचायत सदस्य आपस में बात करके खिसिया से रहे थे, इत्ती गर्मी में बेकार बुलाओ| कल्ल ही बुला लेते पैसे दे देते| कोई पुच्छैया ल तो है नाही| अपना अपना दर्द है| और सबसे बड़ा सवाल सरकारी व्यवस्था का, 1 साल रह गया कार्यकाल का तो प्रशिक्षण के नाम पर जनता के धन की बर्बादी क्यों? प्रशिक्षण के लिए डायरी पेन दिया गया| सबसे पहले पेप्सी पिलाई गयी| दोपहर में लंच पैकेट दिया गया| बताया गया कि कैसे क्षेत्र पंचायत सदस्य क्षेत्र के विकास के लिए अपनी भूमिका निभा सकता है| उसे बैठक में प्रस्ताव कैसे देना है| कैसे सवाल उठाना है| कोरम में उसकी क्या भूमिका है| त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली में उसकी क्या भूमिका है| जो लिखा गया है वो बताया गया है| सब चुपचाप बैठे सुनते रहे जैसे सब समझ में आ गया है और कोई सवाल है ही नहीं| क्या महिलाएं क्या पुरुष| कल समापन में ब्लाक प्रमुख के आने की भी खबर है| अगले साल चुनाव होने है……भाजपा सरकार है… रणनीति इसी पर बनानी है कि इस बार के मोहरे कौन सजाएगा और बाजी कौन खेलेगा… बाकी प्रशिक्षण तो मात्र सरकारी बजट को खर्च करना भर है और रिपोर्ट केंद्र तक भेजने के लिए फोटोसेशन कराने से ज्यादा कुछ नहीं….