अखिलेश को मायावती ने दिया झटका,जौनपुर से उतारा प्रत्याशी

FARRUKHABAD NEWS Politics Politics- Sapaa Politics-BJP राष्ट्रीय लोकसभा चुनाव 2019

लखनऊ:बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने आज अप्रत्याशित फैसला कर दिया। पार्टी ने जौनपुर से प्रत्याशी उतारकर अपने सहयोगी समाजवादी पार्टी को झटका दिया है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन कर बसपा का इरादा भाजपा को सत्ता से बाहर करने का है। 
मायावती के इस कदम से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव खासे परेशान होंगी। अखिलेश यादव जौनपुर से अपने भाई तथा मैनपुरी से सांसद तेज प्रताप सिंह यादव उर्फ तेजू को उतारना चाहते थे। मायावती ने जौनपुर से अपना प्रत्याशी श्याम सिंह यादव को घोषित कर दिया है। पीसीएस अधिकारी श्याम सिंह यादव को जौनपुर लोकसभा से उम्मीदवार बनाया गया है। 65 वर्ष श्याम सिंह यादव रानी पट्टी, ब्लाक मडिय़ाहूं, जौनपुर के निवासी हैं।
मायावती ने आज अपने लोकसभा चुनाव के लिए 16 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। इस घोषणा में सबसे बड़ा झटका उसने अपनी सहयोगी समाजवादी पार्टी को दिया है। जौनपुर से समाजवादी पार्टी अपना प्रत्याशी उतारना चाहती थी, लेकिन बसपा ने यहां से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। समाजवादी पार्टी चाहती थी कि बसपा यहां से अपना प्रत्याशी न उतारे। वह इस सीट के बदले सपा बलिया की सीट बसपा को देने को तैयार थी। समाजवादी पार्टी जौनपुर में तेज प्रताप सिंह यादव को एडजस्ट करना चाहती थी। मायावती ने एसपी प्रमुख की इस मांग को कोई तवज्जो नहीं दी।
समाजवादी पार्टी ने तेज प्रताप की सीट मैनपुरी से इस बार सपा ने मुलायम सिंह यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। मुलायम सिंह यादव वहां से नामांकन भी कर चुके हैं। अब तेज प्रताप के पास कोई भी सुरक्षित सीट नहीं है। एसपी प्रमुख ने मैनपुरी से टिकट अपने पिता मुलायम सिंह यादव को दिया है। यही नहीं यहां से एसपी के दिग्गज नेता पारसनाथ यादव भी चुनाव लडऩा चाहते थे।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव जौनपुर से अपने चचेरे भाई तेज प्रताप यादव को टिकट देना चाहते थे, क्योंकि तेज प्रताप मैनपुरी से टिकट काटे जाने से नाराज हैं। उनके समर्थकों ने यहां प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद उनके समर्थक जिला इकाई को भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भंग कर दिया है।
आज बीएसपी ने जिन 16 सीटों के नामों का ऐलान किया है उसमें बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी का भी नाम है। एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने कभी अंसारी बंधुओं को पार्टी में लेने से मना कर दिया था और वह माफिया को टिकट देने के पक्ष में नहीं थे।