अखिलेश के पक्ष में मुलायम ने खींची बड़ी लकीर, शिवपाल के दावे कमजोर

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लखनऊ:समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन करने के बाद राजनीतिक रूप से सक्रिय शिवपाल सिंह यादव बड़े भाई का आशीर्वाद होने का दावा कर रहे हैं लेकिन खुद मुलायम सिंह यादव ने स्पष्ट संदेश दे दिया कि वह बेटे अखिलेश के साथ हैं। मुलायम के इस कदम के बाद पुराने समाजवादियों का समर्थन हासिल करने में जुटे शिवपाल की कोशिशों को असहज स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
सेक्युलर मोर्चा के झंडे में मुलायम का चित्र
समाजवादी सेक्युलर मोर्चा गठन के बाद से शिवपाल यादव ने मोर्चा के झंडे में न सिर्फ मुलायम का चित्र लगवाया, बल्कि यह घोषणा भी की कि वह मैनपुरी से उन्हें चुनाव भी लड़ाएंगे। मोर्चा के अध्यक्ष पद का प्रस्ताव भी रखा। मुलायम की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया न आने की वजह से इससे सपा कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति भी बन रही थी। यह भ्रम दूर करने के लिए मुलायम उचित मंच चाहते थे और दिल्ली में जंतर-मंतर पर समाजवादियों की साइकिल रैली के समापन पर यह अवसर उन्हें मिल भी गया। उन्होंने वहां न सिर्फ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मंच साझा किया, बल्कि समाजवादी पार्टी को नौजवानों की पार्टी कहते हुए खुद को हाशिये पर किए जाने को भी एक तरह से स्वीकृति दे दी है।
मुलायम डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटे
वैसे सेक्युलर मोर्चा के गठन के बाद से मुलायम डैमेज कंट्रोल की कोशिशों में जुटे हुए थे। शिवपाल ने जब मोर्चा की घोषणा की तो उन्होंने लगातार दो दिन तक पार्टी मुख्यालय जाकर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसके अलावा शिवपाल को अपने आवास पर बुलाकर भी समझौता कराने की कोशिश की लेकिन विफल रहे थे। कोई चारा न देख अब उन्होंने अपना पक्ष सार्वजनिक रूप से सबसे सामने रख दिया है। दूसरी ओर शिवपाल उनके इस कदम पर खामोश हैं। उनके समर्थक भी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने से बचते रहे।
पुराने साथियों की टोह लेने में जुटे शिवपाल
समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन के बाद शिवपाल यादव अपने पुराने साथियों से संपर्क कर उनके मन की थाह लेने में जुटे हुए हैं। इस बीच कई पुराने समाजवादियों ने उनसे खुद भी भेंट की है। मोर्चा ऐसे लोगों को लेकर जल्द ही राजधानी लखनऊ में बड़ा सम्मेलन कराने की तैयारी में भी है। नई दिल्ली में मुलायम के सपा के मंच पर जाने के बावजूद शिवपाल को अपने पुराने साथियों से उम्मीद है। शनिवार को वरिष्ठ नेता भगवती सिंह का आशीर्वाद लेने के बाद वह उन जैसे कई और पुराने समाजवादियों से मिलेंगे। पुराने समाजवादियो में सपा के महासचिव रहे सीपी राय, गाजियाबाद के रिक्षपाल सिंह से भी उनकी एक-दो दिन में मुलाकात हो सकती है। मोर्चा के प्रवक्ता दीपक मिश्र के अनुसार जल्द ही एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।